Bengaluru Stampede: RCB फैंस के लिए चार जून का दिन काफी खास था, इस दिन लोग जीत का जश्न मनाने की तैयारी में थे. 18 सालों की मेहनत के बाद मिले जीत का जश्न मनाने में लोग इतने मकबूल हो गए कि अपनी सुरक्षा के बारे में भी याद नहीं रहा. बेंगलुरू भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद अदालत ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लिया.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस घटना और उसके बाद के हालात से निपटने के तरीके पर गंभीर सवाल उठाए. साथ ही सरकार द्वारा हुई लापरवाही पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं. सरकार की कार्रवाई का ब्यौरा मांगते हुए उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता (एजी) से स्पष्टीकरण के लिए कई तीखे सवाल पूछे.
राज्य सरकार द्वारा इस मामले में सफाई देते हुए बताया गया कि भगदड़ की जांच अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी गई है. हालांकि, बेंगलुरू सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) द्वारा अभी भी गिरफ्तारियां की जा रही हैं और कब्बन पार्क पुलिस द्वारा आरोपियों को पेश किया जा रहा है. वहीं अदालत ने इस मामले से जुड़े 9 गंभीर सवाल पूछे गए हैं. अदालत ने राज्य सरकार से सबसे पहला सवाल किया कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का निर्णय कब और किसने लिया और किस तरीके से था ?
कोर्ट द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब को दाखिल करने के लिए राज्य ने समय मांगा. एजी ने अदालत को सूचित किया कि आरोपी व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने और राहत मांगने के लिए जांच और गिरफ्तारी एजेंसियों के बीच विसंगति का हवाला दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस कारण से कि न्याय के हित में खुली अदालत में आगे के विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है. कार्यक्रम आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी याचिका में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह में सभी को आमंत्रित किया था.
Bengaluru Stampede: RCB फैंस के लिए चार जून का दिन काफी खास था, इस दिन लोग जीत का जश्न मनाने की तैयारी में थे. 18 सालों की मेहनत के बाद मिले जीत का जश्न मनाने में लोग इतने मकबूल हो गए कि अपनी सुरक्षा के बारे में भी याद नहीं रहा. बेंगलुरू भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद अदालत ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लिया.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस घटना और उसके बाद के हालात से निपटने के तरीके पर गंभीर सवाल उठाए. साथ ही सरकार द्वारा हुई लापरवाही पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं. सरकार की कार्रवाई का ब्यौरा मांगते हुए उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता (एजी) से स्पष्टीकरण के लिए कई तीखे सवाल पूछे.
राज्य सरकार द्वारा इस मामले में सफाई देते हुए बताया गया कि भगदड़ की जांच अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी गई है. हालांकि, बेंगलुरू सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) द्वारा अभी भी गिरफ्तारियां की जा रही हैं और कब्बन पार्क पुलिस द्वारा आरोपियों को पेश किया जा रहा है. वहीं अदालत ने इस मामले से जुड़े 9 गंभीर सवाल पूछे गए हैं. अदालत ने राज्य सरकार से सबसे पहला सवाल किया कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने का निर्णय कब और किसने लिया और किस तरीके से था ?
कोर्ट द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब को दाखिल करने के लिए राज्य ने समय मांगा. एजी ने अदालत को सूचित किया कि आरोपी व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने और राहत मांगने के लिए जांच और गिरफ्तारी एजेंसियों के बीच विसंगति का हवाला दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस कारण से कि न्याय के हित में खुली अदालत में आगे के विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है. कार्यक्रम आयोजक डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी याचिका में दावा किया कि मुख्यमंत्री ने सम्मान समारोह में सभी को आमंत्रित किया था.