आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने उनकी पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी के पीछे के 'रहस्यों' और 'षड्यंत्रों' को उजागर करने वाले एक वृत्तचित्र के प्रदर्शन को रोक दिया.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांच जनवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू होने के बावजूद इस वृत्तचित्र प्रदर्शन कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली गयी थी. लेकिन केजरीवाल ने सवाल उठाया कि वृत्तचित्र के निजी प्रदर्शन के लिए अनुमति की क्या जरूरत थी. उन्होंने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि वृत्तचित्र 'अनब्रेकेबल' निजी कार्यक्रम में मीडिया को दिखाया जाना था और यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था. केजरीवाल ने कहा, "इस कार्यक्रम में न तो वोट मांगे जाने थे और न ही किसी पार्टी के खिलाफ कुछ कहा जाना था."
आप संयोजक ने आईटीओ पर प्यारेलाल भवन पर इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन के आयोजन स्थल की तस्वीर साझा की जिसमें भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती नजर आयी. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी. उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा इस वृत्तचित्र से पूरी तरह डरी हुई है, क्योंकि यह पिछले दो वर्षों में आप नेताओं की गिरफ्तारी के पीछे के 'रहस्यों' और 'साजिशों' को उजागर करता है. यह भाजपा की अवैध और असंवैधानिक गतिविधियों को उजागर करता है."
केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन सहित प्रमुख आप नेताओं को 2023-24 के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दलों को आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) के कार्यालय से एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से पूर्व अनुमति के लिए आवेदन करना होता है.
उन्होंने कहा, "यह चुनाव के दौरान एक मानक प्रक्रिया है. वृत्तचित्र को प्रदर्शित करने के कार्यक्रम के लिए ऐसी कोई अनुमति नहीं ली गई थी. इसलिए इसका प्रदर्शन आदर्श आचार संहिता के दिशानिर्देशों का उल्लंघन होता."
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