North Sikkim: उत्तरी सिक्किम के चट्टन में रविवार देर रात हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई. सेना के एक शिविर पर मलबा गिरने से तीन सैनिकों की मौत हो गई, जबकि नौ अन्य लापता हैं. मंगन जिले के चुंगथांग के उप-मंडल पुलिस अधिकारी अरुण थाटल ने बताया कि लाचेन नदी का जल स्तर बढ़ने से यह हादसा हुआ.
सेना ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. मृतकों की पहचान और लापता सैनिकों की तलाश जारी है. सेना के बयान के अनुसार, भूस्खलन से शिविर के आसपास के आवासों को भी नुकसान पहुंचा. चट्टान, लाचेन से केवल 3 किमी दूर है और यहां कई सैन्य शिविर हैं.
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तरी सिक्किम के लाचुंग में 30 मई से फंसे 1,600 पर्यटकों को सोमवार सुबह बचा लिया गया. मंगन के जिला कलेक्टर अनंत जैन ने बताया कि इनमें 380 बच्चे भी शामिल हैं. रविवार रात मलबा हटाने के बाद सोमवार सुबह बचाव अभियान शुरू हुआ.
जैन ने कहा कि लाचेन में अभी भी 150 पर्यटक फंसे हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं और होटलों में ठहरे हैं. लाचेन और लाचुंग, दोनों ही 2,700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर हैं. ये इलाके गुरुडोंगमार झील और युमथांग घाटी जैसे पर्यटक स्थलों के लिए प्रसिद्ध हैं.
उत्तरी सिक्किम में पिछले गुरुवार को एक और दुखद घटना हुई. उफनती तीस्ता नदी में एक वाहन के गिरने से आठ पर्यटकों सहित नौ लोग लापता हो गए. अधिकारियों को आशंका है कि सभी की मौत हो चुकी है. भूस्खलन और बारिश ने क्षेत्र में स्थिति को और गंभीर बना दिया है. कई इलाके पूरी तरह कटे हुए हैं, जिससे बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं.
उत्तरी सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन ने हालात को और बिगाड़ दिया है. लाचेन जैसे क्षेत्र पूरी तरह अलग-थलग पड़ गए हैं. सड़कें बंद होने और नदियों के उफान पर होने से राहत कार्य प्रभावित हो रहे हैं. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं. पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. उत्तरी सिक्किम में मौसम की स्थिति अभी भी चिंताजनक है. भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. सेना और प्रशासन लापता लोगों की तलाश और फंसे पर्यटकों को निकालने में जुटे हैं.