यशवंत वर्मा कैश मामले में लोकसभा अध्यक्ष का एक्शन, महाभियोग जांच समिति का किया गठन

लोकसभा अध्यक्ष ने इस जांच समिति में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और प्रसिद्ध न्यायविद बी. वी. आचार्य को शामिल किया है.

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Courtesy: Social Media

Yashwant Varma Cash Row: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज यानी मंगलवार को पूर्व न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर विचार के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने की घोषणा की है. अदालत ने यह कदम नकदी बरामदगी विवाद के बाद उठाया गया, जिसमें वर्मा पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ने इस जांच समिति में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरविंद कुमार, मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और प्रसिद्ध न्यायविद बी. वी. आचार्य को शामिल किया है. यह समिति यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की गहन जांच करेगी. समिति का गठन 146 सांसदों द्वारा समर्थित महाभियोग प्रस्ताव के बाद हुआ, जिन्होंने वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

नकदी बरामदगी विवाद क्या है?

यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास पर 14 मार्च को आग लग गई. इस घटना ने पूरे देश को चौंका दिया. सभी लोग तब दंग रह गए जब दमकलकर्मियों को बुझाने के दौरान उनके घर से भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी बरामद की गी. एक वायरल वीडियो में आग में नोटों के बंडल जलते हुए दिखाई दिए, जिसने इस मामले को और गंभीर बना दिया. इस घटना ने वर्मा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. वर्मा ने इन आरोपों का खंडन करते हुए इसे उनके खिलाफ साजिश बताया. विवाद के बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश ने तुरंत कार्रवाई की. उन्होंने 22 मार्च को मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति गठित की. इस समिति ने प्रारंभिक जांच शुरू की जिसके बाद यशवंत वर्मा को उनकी मूल अदालत इलाहाबाद उच्च न्यायालय वापस भेज दिया गया. 

सांसदों की मांग और महाभियोग प्रस्ताव

यशवंत वर्मा के घर से नकदी बरामदगी के बाद देशभर में हंगामा मच गया. 146 सांसदों ने एकजुट होकर लोकसभा अध्यक्ष से वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग की. सांसदों का कहना था कि इस तरह की घटना न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाती है. लोकसभा अध्यक्ष ने इस मांग को गंभीरता से लिया और जांच समिति के गठन की घोषणा की.यह जांच समिति अब यशवंत वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की गहराई से जांच करेगी. समिति को यह तय करना होगा कि क्या वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाए. इस बीच, वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे. 

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