Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र तारीख फाइनल हो गया है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक चल सकता है. उनके द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक तीन महीने से अधिक अंतराल के बाद राज्यसभा और लोकसभा दोनों ही सत्र बुलाए जाएंगे.
मिल रही जानकारी के मुताबिक इन तारीखों की सिफारिश रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा की गई है. इससे पहले बजट सत्र के दौरान संसद को अनिश्चित काल के लिए स्थिगत किया गया था. हालांकि पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद विपक्ष द्वारा लगातर विशेष सत्र की मांग की जा रही है.
रिजिजू ने संवाददाताओं से कहा कि हमने संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति के साथ तारीख तय की है. राष्ट्रपति को दोनों सदनों को बुलाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा. यह सत्र लोकसभा और राज्यसभा के लिए महत्वपूर्ण होगा. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को एक्स पर लिखा कि हम पहलगाम हमले और उसके बाद के घटनाक्रम पर चर्चा के लिए विशेष सत्र चाहते हैं. कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने विशेष सत्र की मांग को लेकर एक पत्र पर हस्ताक्षर किए. इस पत्र में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी जैसे नेता शामिल थे. जवाब में रिजिजू ने कहा कि हर सत्र हमारे लिए विशेष है. मानसून सत्र में सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. उन्होंने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए नियमों का हवाला दिया.
विपक्षी नेता डेरेक ओ'ब्रायन ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर लिखा कि संसद का डर सरकार की कमजोरी है. विशेष सत्र से भागना मोदी सरकार की आदत है. टीएमसी और अन्य विपक्षी दल सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं. वे चाहते हैं कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर चर्चा हो. यह सत्र कई मायनों में अहम होगा. ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो ने भी सहयोग की बात कही. संसद में इस मुद्दे पर गहन बहस की उम्मीद है. विपक्ष सरकार से सवाल पूछने की तैयारी में है.