National Census: भारत में अब जल्द ही जनगणना शुरु होने वाला है. इस बात की जानकारी सोमवार को गृह मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से दिया गया. इस अधिसूचना के मुताबिक भारत सरकार ने देश में जनगणना की तारीख घोषित कर दी है.
भारत सरकार के नोटिस के मुताबिक देश की अगली दशकीय जनगणना वर्ष 2027 में आयोजित की जाएगी. 2011 के बाद पहली बार होने वाली जनगणना दो चरणों में होगा. भारत के जनगणना अधिनियम 1948 के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार 1 अक्टूबरे 2026 और 1 मार्च 2027 को आयोजित की जाएगी.
गृह मंत्रालय ने बताया कि कुछ बर्फीले और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए, मौसमी पहुंच संबंधी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए समय फाइनल किया जाएगा. जनगणना के दौरान घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बारे में जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य व्यक्तिगत जानकारी ली जाएगी. आजादी के बाद पहली बार जाती गणना भी जनगणना का हिस्सा होगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात की घोषणा अप्रैल में ही कि थी कि पहली बार राष्ट्रीय जनगणना में कास्ट जनगणना को भी शामिल किया जाएगा. हालांकि इस जनगणना से पहले महिला आरक्षण विधेयक और विवादास्पद परिसीमन अभ्यास का भी रास्ता साफ हो गया है.
महिला आरक्षण विधेयक जो दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें रिजर्व करता है. इसे अब जनगणना के बाद परिसीमन अभ्यास के बाद ही लागू किया जा सकता है. जातिगत जनगणना की मांग विपक्षी पार्टी द्वारा पिछले कई सालों से की जा रही थी. हालांकि सरकार ने एक साथ राष्ट्रीय जनगणना कराने की घोषणा कर दी है. जिससे देश की नागरिकों के सही ब्योरा सरकार के पास पहुंच पाएगा. लोगों की जनसंख्या और उनकी जरूरतों के हिसाब से फिर सरकार को अपनी नीति बनाने में आसानी होगी. वहीं लोगों को भी अपने जरूरत के हिसाब से सरकारी नीतियों का फायदा मिल पाएगा.
National Census: भारत में अब जल्द ही जनगणना शुरु होने वाला है. इस बात की जानकारी सोमवार को गृह मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से दिया गया. इस अधिसूचना के मुताबिक भारत सरकार ने देश में जनगणना की तारीख घोषित कर दी है.
भारत सरकार के नोटिस के मुताबिक देश की अगली दशकीय जनगणना वर्ष 2027 में आयोजित की जाएगी. 2011 के बाद पहली बार होने वाली जनगणना दो चरणों में होगा. भारत के जनगणना अधिनियम 1948 के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार 1 अक्टूबरे 2026 और 1 मार्च 2027 को आयोजित की जाएगी.
गृह मंत्रालय ने बताया कि कुछ बर्फीले और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए, मौसमी पहुंच संबंधी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए समय फाइनल किया जाएगा. जनगणना के दौरान घर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बारे में जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य व्यक्तिगत जानकारी ली जाएगी. आजादी के बाद पहली बार जाती गणना भी जनगणना का हिस्सा होगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बात की घोषणा अप्रैल में ही कि थी कि पहली बार राष्ट्रीय जनगणना में कास्ट जनगणना को भी शामिल किया जाएगा. हालांकि इस जनगणना से पहले महिला आरक्षण विधेयक और विवादास्पद परिसीमन अभ्यास का भी रास्ता साफ हो गया है.
महिला आरक्षण विधेयक जो दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें रिजर्व करता है. इसे अब जनगणना के बाद परिसीमन अभ्यास के बाद ही लागू किया जा सकता है. जातिगत जनगणना की मांग विपक्षी पार्टी द्वारा पिछले कई सालों से की जा रही थी. हालांकि सरकार ने एक साथ राष्ट्रीय जनगणना कराने की घोषणा कर दी है. जिससे देश की नागरिकों के सही ब्योरा सरकार के पास पहुंच पाएगा. लोगों की जनसंख्या और उनकी जरूरतों के हिसाब से फिर सरकार को अपनी नीति बनाने में आसानी होगी. वहीं लोगों को भी अपने जरूरत के हिसाब से सरकारी नीतियों का फायदा मिल पाएगा.