Supreme Court: केंद्र सरकार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन नए जजों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर सकती है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी दी. उम्मीद है कि शुक्रवार सुबह भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण आर गवई नए जजों को शपथ दिलाएंगे. यह कदम सीजेआई गवई के कार्यकाल की मजबूत शुरुआत को दर्शाता है.
नए जजों में जस्टिस एनवी अंजारिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस एएस चंदुरकर शामिल हैं. जस्टिस अंजारिया फिलहाल कर्नाटक HC के मुख्य न्यायाधीश हैं. उनका मूल हाई कोर्ट गुजरात है. जस्टिस बिश्नोई गौहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं और राजस्थान उनका पैरेंट हाई कोर्ट है. जस्टिस चंदुरकर बॉम्बे हाई कोर्ट से हैं. इन नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को इन तीन जजों की पदोन्नति की सिफारिश की थी. कॉलेजियम में सीजेआई गवई के साथ जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, जेके माहेश्वरी और बीवी नागरत्ना शामिल हैं. सिफारिशों में क्षेत्रीय विविधता और न्यायिक वरिष्ठता पर जोर दिया गया. कॉलेजियम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन दिन में यह प्रक्रिया पूरी की. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के 9 जून को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में केवल जस्टिस नागरत्ना ही महिला जज रहेंगी. कॉलेजियम ने महिला जजों की नियुक्ति पर चर्चा को जून तक टाल दिया है. जस्टिस त्रिवेदी का अंतिम कार्यदिवस 16 मई था, क्योंकि वे अमेरिका की निजी यात्रा पर थीं. उनकी रिटायरमेंट के बाद यह सीट खाली होगी.
कॉलेजियम ने पांच नए हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति और चार अन्य हाई कोर्ट्स में तबादलों की सिफारिश की है. 22 जजों के तबादले प्रशासनिक जरूरतों और व्यक्तिगत अनुरोधों के आधार पर किए गए. यह कदम न्यायिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने का हिस्सा है. सुप्रीम कोर्ट अब जजों की प्रोफाइल और संपत्ति की जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करता है. यह पहल सीजेआई संजीव खन्ना ने मई में शुरू की थी.
इन नियुक्तियों के बीच न्यायपालिका पर सवाल भी उठ रहे हैं. हाल ही में हाई कोर्ट जज यशवंत वर्मा के आवास पर बेहिसाब नकदी मिलने का मामला चर्चा में है. सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को पुष्टि की कि जांच रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा का जवाब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया है. तीन जजों की समिति ने आरोपों में सच्चाई पाई और निष्कासन की सिफारिश की.
Supreme Court: केंद्र सरकार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में तीन नए जजों की नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर सकती है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कॉलेजियम की सिफारिशों को मंजूरी दी. उम्मीद है कि शुक्रवार सुबह भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण आर गवई नए जजों को शपथ दिलाएंगे. यह कदम सीजेआई गवई के कार्यकाल की मजबूत शुरुआत को दर्शाता है.
नए जजों में जस्टिस एनवी अंजारिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस एएस चंदुरकर शामिल हैं. जस्टिस अंजारिया फिलहाल कर्नाटक HC के मुख्य न्यायाधीश हैं. उनका मूल हाई कोर्ट गुजरात है. जस्टिस बिश्नोई गौहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं और राजस्थान उनका पैरेंट हाई कोर्ट है. जस्टिस चंदुरकर बॉम्बे हाई कोर्ट से हैं. इन नियुक्तियों के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को इन तीन जजों की पदोन्नति की सिफारिश की थी. कॉलेजियम में सीजेआई गवई के साथ जस्टिस सूर्यकांत, विक्रम नाथ, जेके माहेश्वरी और बीवी नागरत्ना शामिल हैं. सिफारिशों में क्षेत्रीय विविधता और न्यायिक वरिष्ठता पर जोर दिया गया. कॉलेजियम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीन दिन में यह प्रक्रिया पूरी की. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के 9 जून को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में केवल जस्टिस नागरत्ना ही महिला जज रहेंगी. कॉलेजियम ने महिला जजों की नियुक्ति पर चर्चा को जून तक टाल दिया है. जस्टिस त्रिवेदी का अंतिम कार्यदिवस 16 मई था, क्योंकि वे अमेरिका की निजी यात्रा पर थीं. उनकी रिटायरमेंट के बाद यह सीट खाली होगी.
कॉलेजियम ने पांच नए हाई कोर्ट मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति और चार अन्य हाई कोर्ट्स में तबादलों की सिफारिश की है. 22 जजों के तबादले प्रशासनिक जरूरतों और व्यक्तिगत अनुरोधों के आधार पर किए गए. यह कदम न्यायिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने का हिस्सा है. सुप्रीम कोर्ट अब जजों की प्रोफाइल और संपत्ति की जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करता है. यह पहल सीजेआई संजीव खन्ना ने मई में शुरू की थी.
इन नियुक्तियों के बीच न्यायपालिका पर सवाल भी उठ रहे हैं. हाल ही में हाई कोर्ट जज यशवंत वर्मा के आवास पर बेहिसाब नकदी मिलने का मामला चर्चा में है. सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को पुष्टि की कि जांच रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा का जवाब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजा गया है. तीन जजों की समिति ने आरोपों में सच्चाई पाई और निष्कासन की सिफारिश की.