NIA ने पहलगाम आतंकी हमले मामले में दो लोगों को किया गिरफ्तार, आतंकियों को पनाह देने का लगा आरोप

पहलगाम आतंकी हमले मामले में एनआईए लगातार जांच कर रही है. इस मामले में सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई. जिसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने आतंकियों को पनाह दी है.

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Courtesy: Social Media

NIA Action on Pahalgam Terror Attack: भारत के पहलगाम में आतंकी हमले की जांच अब भी जारी है. मिल रही जानकारी के मुताबिक NIA को इस मामले की जांच में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है. पीटीआई ने एनआईए अधिकरियों के हवाले से बताया कि जांच एजेंसी ने इस आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को पनाह देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने दुनिया भर से आए पर्यटकों को निशाना बनाया था. इस हमले में उन आतंकियों ने 26 पुरुषों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया था. जिसके बाद भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था.

बारीकी से जांच कर रही NIA 

पहलगाम हमले के बाद इस हमले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी गई. जिसमें एनआईए के अधिकारियों ने घटनास्थल की जांच से लेकर चश्मदीदों और आसपास के लोगों से पूछताछ की. इस दौरान दो हजार से भी ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए और उनके कई सवाल किए गए. जिससे की यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुए. जितने लोगों से पूछताछ की गई, उसमें से कुछ लोगों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट की तहत मामला भी दर्ज किया गया. संघीय जांच एजेंसी के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस भी अपने लेवल जांच कर रही है. पुलिस ने भी अब तक लगभग 100 लोगों के घरों पर आतंकियों के सहयोगी होने के आरोप में छापेमारी की. इसके अलावा उन लोगों से भी पुछताछ की गई है, जिनके परिवार के लोग इस घटना के पीड़ित हैं. 

जांच में कई अहम खुलासे 

NIA के जांच अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इस जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं. इस हमले की जांच में जांच एजेंसी की एक बड़ी टीम जुटी है. जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा रही है. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी. जिसके कारन उन सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, जहां से कुछ भी पता लगने की संभावना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन छापेमारी में यह पता चला है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से जुड़े कई ओवरग्राउंड वर्करों द्वारा किया गया है. हालांकि अभी भी इस मामले में जांच की जा रही है. 

NIA Action on Pahalgam Terror Attack: भारत के पहलगाम में आतंकी हमले की जांच अब भी जारी है. मिल रही जानकारी के मुताबिक NIA को इस मामले की जांच में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है. पीटीआई ने एनआईए अधिकरियों के हवाले से बताया कि जांच एजेंसी ने इस आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को पनाह देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने दुनिया भर से आए पर्यटकों को निशाना बनाया था. इस हमले में उन आतंकियों ने 26 पुरुषों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया था. जिसके बाद भारत सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया था, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था.

बारीकी से जांच कर रही NIA 

पहलगाम हमले के बाद इस हमले की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी गई. जिसमें एनआईए के अधिकारियों ने घटनास्थल की जांच से लेकर चश्मदीदों और आसपास के लोगों से पूछताछ की. इस दौरान दो हजार से भी ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए और उनके कई सवाल किए गए. जिससे की यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुए. जितने लोगों से पूछताछ की गई, उसमें से कुछ लोगों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट की तहत मामला भी दर्ज किया गया. संघीय जांच एजेंसी के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस भी अपने लेवल जांच कर रही है. पुलिस ने भी अब तक लगभग 100 लोगों के घरों पर आतंकियों के सहयोगी होने के आरोप में छापेमारी की. इसके अलावा उन लोगों से भी पुछताछ की गई है, जिनके परिवार के लोग इस घटना के पीड़ित हैं. 

जांच में कई अहम खुलासे 

NIA के जांच अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इस जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं. इस हमले की जांच में जांच एजेंसी की एक बड़ी टीम जुटी है. जिसका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जा रही है. इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी. जिसके कारन उन सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, जहां से कुछ भी पता लगने की संभावना है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन छापेमारी में यह पता चला है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से जुड़े कई ओवरग्राउंड वर्करों द्वारा किया गया है. हालांकि अभी भी इस मामले में जांच की जा रही है. 

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