Waziristan Attack: उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के वजीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले को लेकर पाकिस्तानी सेना ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हालांकि भारत की ओर से इन आरोपों को खारिज करते हुए, एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ सख्त चेतावनी दी गई. विदेश मंत्रालय ने इसे अवमानना के साथ खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान के पास कोई सबूत नहीं है. यह हमला शनिवार को हुआ, जिसमें 14 सैनिक मारे गए और कई लोग घायल हुए.
उत्तरी वजीरिस्तान के खादी गांव में शनिवार को एक सैन्य वाहन पर आत्मघाती कार बम हमला हुआ. इस हमले में 14 सैनिकों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हुए, जिनमें नागरिक भी शामिल हैं. समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, हमले में 800 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ. इससे आसपास के कई घरों को भारी नुकसान पहुंचा. घायलों में 15 सैनिक और 10 नागरिक, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं. हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में 13 सैनिकों की मौत और तीन नागरिकों के घायल होने की बात कही.
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी तालिबान के हाफिज गुल बहादुर समूह ने ली है. यह समूह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सक्रिय है और अक्सर सुरक्षा बलों को निशाना बनाता है. मार्च में विश्लेषक अब्दुल्ला खान ने बताया था कि यह समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से भी अधिक खतरनाक है. टीटीपी कई इस्लामी आतंकवादी गुटों का एक छत्र संगठन है, जो पाकिस्तानी सरकार को उखाड़ फेंकने और इस्लामी शासन स्थापित करने की कोशिश में है. पाकिस्तानी सेना ने हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया, लेकिन कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया. रॉयटर्स के अनुसार, पाक सेना ने अपने बयान में कहा कि इस बर्बर हमले में दो बच्चे और एक महिला सहित तीन नागरिक गंभीर रूप से घायल हुए. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर भी इन आतंकवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाया, जिसे काबुल ने खारिज कर दिया है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तानी सेना का भारत को दोषी ठहराने वाला बयान पूरी तरह निराधार है. हम इसे अवमानना के साथ खारिज करते हैं. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ है और ऐसे आधारहीन आरोपों को स्वीकार नहीं करेगा. हमले के बाद वजीरिस्तान में कर्फ्यू लागू कर दिया गया. यह क्षेत्र पहले से ही अशांत रहा है, जहां कई प्रतिबंधित आतंकवादी समूह सक्रिय हैं. हमले की वजह से स्थानिय लोगों में डर का माहौल है. सुरक्षा बलों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए कर्फ्यू लगाया गया था, लेकिन इसके बावजूद यह हमला हुआ. जो पड़ोसी मुल्क के लिए एक बड़ी चेतावनी है. आतंकवादी समूहों की बढ़ती सक्रियता और सुरक्षा बलों पर हमले क्षेत्र में अस्थिरता को दर्शाते हैं.