'5 मिनट में मर जाऊंगा', पंचकूला सामूहिक आत्महत्या मामले में चश्मदीद ने बताया मृतक का आखिरी शब्द

देहरादून के प्रवीण मित्तल अपने परिवार के साथ पंचकूला के बागेश्वर धाम में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. रविवार को कार्यक्रम खत्म होने के बाद वे देहरादून लौट रहे थे. तभी उनकी कार सेक्टर 27 में खड़ी मिली.

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Courtesy: Social Media

Panchkula Suicide Case: हरियाणा के पंचकूला से एक भयावह घटना सामने आई है. देहरादून के एक परिवार के सात सदस्यों ने कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना सेक्टर 27 में रविवार को हुई. कार में मिले शवों ने स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया. चश्मदीद ने बताया कि परिवार के एक सदस्य ने अपने आखिरी समय में बताया कि वो भारी कर्ज में डूब गए हैं, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया.

देहरादून के प्रवीण मित्तल अपने परिवार के साथ पंचकूला के बागेश्वर धाम में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. रविवार को कार्यक्रम खत्म होने के बाद वे देहरादून लौट रहे थे. तभी उनकी कार सेक्टर 27 में खड़ी मिली. स्थानीय लोगों ने देखा कि कार में लोग बेहोश पड़े हैं. कुछ लोगों ने उल्टी की हालत में देखा.

चश्मदीद ने बताई पूरी कहानी

स्थानीय निवासी पुनीत राणा ने बताया कि हमने देखा कि कार पर तौलिया रखा था. वहां मौजूद लोगों से पूछने पर एक व्यक्ति ने कहा कि वे बाबा के कार्यक्रम में आए थे. होटल न मिलने के कारण कार में रुके थे. पुनीत ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने एक-दूसरे पर उल्टी की थी. ऐसे हाल में देखकर जब एक व्यक्ति को बाहर निकाला गया तो उसने कहा कि मैं पांच मिनट में मर जाऊंगा. हम कर्ज में डूबे हैं.

उस समय केवल वही व्यक्ति सांस ले रहा था, बाकी सारे व्यक्ति बेहोश थे. पुनीत ने बताया कि पुलिस समय पर पहुंची, लेकिन एम्बुलेंस 45 मिनट देर से आई. सभी सात लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया. मृतकों में 42 वर्षीय प्रवीण मित्तल, उनके माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे—दो बेटियां और एक बेटा शामिल हैं. पुलिस को सुसाइड मदद मिली है.

पुलिस ने शुरू की जांच

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हिमाद्री कौशिक ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला लगता है. फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य इकट्ठा किए हैं. शवों को पोस्टमार्टम के लिए पंचकूला के एक निजी अस्पताल में भेजा गया है. पुलिस वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्यों का विश्लेषण कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, परिवार भारी कर्ज और वित्तीय संकट से जूझ रहा था. इस आर्थिक दबाव ने उन्हें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया. स्थानीय लोगों ने परिवार को कार से निकालने की कोशिश की, लेकिन समय पर मदद न मिलने से सभी की जान चली गई. 

Panchkula Suicide Case: हरियाणा के पंचकूला से एक भयावह घटना सामने आई है. देहरादून के एक परिवार के सात सदस्यों ने कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना सेक्टर 27 में रविवार को हुई. कार में मिले शवों ने स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया. चश्मदीद ने बताया कि परिवार के एक सदस्य ने अपने आखिरी समय में बताया कि वो भारी कर्ज में डूब गए हैं, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया.

देहरादून के प्रवीण मित्तल अपने परिवार के साथ पंचकूला के बागेश्वर धाम में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. रविवार को कार्यक्रम खत्म होने के बाद वे देहरादून लौट रहे थे. तभी उनकी कार सेक्टर 27 में खड़ी मिली. स्थानीय लोगों ने देखा कि कार में लोग बेहोश पड़े हैं. कुछ लोगों ने उल्टी की हालत में देखा.

चश्मदीद ने बताई पूरी कहानी

स्थानीय निवासी पुनीत राणा ने बताया कि हमने देखा कि कार पर तौलिया रखा था. वहां मौजूद लोगों से पूछने पर एक व्यक्ति ने कहा कि वे बाबा के कार्यक्रम में आए थे. होटल न मिलने के कारण कार में रुके थे. पुनीत ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने एक-दूसरे पर उल्टी की थी. ऐसे हाल में देखकर जब एक व्यक्ति को बाहर निकाला गया तो उसने कहा कि मैं पांच मिनट में मर जाऊंगा. हम कर्ज में डूबे हैं.

उस समय केवल वही व्यक्ति सांस ले रहा था, बाकी सारे व्यक्ति बेहोश थे. पुनीत ने बताया कि पुलिस समय पर पहुंची, लेकिन एम्बुलेंस 45 मिनट देर से आई. सभी सात लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित किया गया. मृतकों में 42 वर्षीय प्रवीण मित्तल, उनके माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे—दो बेटियां और एक बेटा शामिल हैं. पुलिस को सुसाइड मदद मिली है.

पुलिस ने शुरू की जांच

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हिमाद्री कौशिक ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला लगता है. फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य इकट्ठा किए हैं. शवों को पोस्टमार्टम के लिए पंचकूला के एक निजी अस्पताल में भेजा गया है. पुलिस वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्यों का विश्लेषण कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, परिवार भारी कर्ज और वित्तीय संकट से जूझ रहा था. इस आर्थिक दबाव ने उन्हें यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर किया. स्थानीय लोगों ने परिवार को कार से निकालने की कोशिश की, लेकिन समय पर मदद न मिलने से सभी की जान चली गई. 

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