राम दरबार का किया जा रहा प्राण प्रतिष्ठा, राम मंदिर के तीन दिवसीय कार्यक्रम में जानें क्या है खास

Ram Darbar Pran Pratishtha: सरयू नदी के तट से सोमवार को पवित्र कलश यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में संत, आचार्य, ट्रस्टी, गणमान्य नागरिक और श्रद्धालु शामिल हुए. यह यात्रा राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत का प्रतीक थी.

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Courtesy: Social Media

Ram Darbar Pran Pratishtha: उत्तर प्रदेश के अयोध्या का राम मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. पीएम मोदी ने लगभग एक साल पहले मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की थी. जिसके बाद अब राम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी हो चुकी है. 

राम मंदिर के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय अनुष्ठान कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज से यानी की 3 जून से पूजा शुरू हो चुका है और अनुष्ठान गंगा दशहरा यानी 5 जून के दिन खत्म होगा. इसके साथ ही राम मंदिर परिसर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. इस आयोजन में केवल धार्मिक नेता शामिल होंगे. कोई राजनीतिक या वीआईपी व्यक्ति मौजूद नहीं होगा.

सरयू नदी के तट से सोमवार को पवित्र कलश यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में संत, आचार्य, ट्रस्टी, गणमान्य नागरिक और श्रद्धालु शामिल हुए. यह यात्रा राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत का प्रतीक थी. 

राम दरबार के आठ मंदिर

मंदिर परिसर में आठ नए मंदिर बनाए गए हैं. प्रत्येक मंदिर में एक शास्त्रीय देवता की मूर्ति स्थापित होगी. इनमें शिवलिंग, गणेश जी, हनुमान जी, सूर्य देव, देवी भगवती, मां अन्नपूर्णा और शेषावतार शामिल हैं. मुख्य मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्रत्येक मूर्ति की स्थापना पूरे धार्मिक अनुष्ठान के साथ होगी. तीन दिन का यह अनुष्ठान आज से शुरू हो चुका है.  दो दिनों तक लगातार पूजा के बाद तीसरे और आखिरी दिन यानी 5 जून को दोपहर में लगभग साढ़े 11 बजे प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा. इसके बाद भोग और आरती का आयोजन है. तीन दिवासीय कार्यक्रम 5 जून को दोपहर 1 बजे तक खत्म हो जाएगा. 

मंदिरों का स्थान और महत्व

ईशान कोण में शिवलिंग और अग्नि कोण में गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा होगी. दक्षिणी भुजा में हनुमान जी, नैऋत्य कोण में सूर्य देव और वायव्य कोण में देवी भगवती की मूर्तियां स्थापित होंगी. उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा और दक्षिण-पश्चिम कोने में शेषावतार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह आयोजन मंदिर परिसर को और पवित्र बनाएगा. इन मंदिरों को आम दर्शन के लिए खोलने का फैसला अभी नहीं हुआ है. पहली मंजिल पर सीमित दर्शन की अनुमति होगी. प्रति घंटे केवल 50 भक्तों को पास के जरिए प्रवेश मिल सकता है. ट्रस्ट इस पर विस्तृत योजना बना रहा है. राम भक्तों में एक बार फिर से खुशी की लहर है.  

Ram Darbar Pran Pratishtha: उत्तर प्रदेश के अयोध्या का राम मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र है. पीएम मोदी ने लगभग एक साल पहले मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की थी. जिसके बाद अब राम दरबार के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी हो चुकी है. 

राम मंदिर के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय अनुष्ठान कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज से यानी की 3 जून से पूजा शुरू हो चुका है और अनुष्ठान गंगा दशहरा यानी 5 जून के दिन खत्म होगा. इसके साथ ही राम मंदिर परिसर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. इस आयोजन में केवल धार्मिक नेता शामिल होंगे. कोई राजनीतिक या वीआईपी व्यक्ति मौजूद नहीं होगा.

सरयू नदी के तट से सोमवार को पवित्र कलश यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में संत, आचार्य, ट्रस्टी, गणमान्य नागरिक और श्रद्धालु शामिल हुए. यह यात्रा राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा की शुरुआत का प्रतीक थी. 

राम दरबार के आठ मंदिर

मंदिर परिसर में आठ नए मंदिर बनाए गए हैं. प्रत्येक मंदिर में एक शास्त्रीय देवता की मूर्ति स्थापित होगी. इनमें शिवलिंग, गणेश जी, हनुमान जी, सूर्य देव, देवी भगवती, मां अन्नपूर्णा और शेषावतार शामिल हैं. मुख्य मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्रत्येक मूर्ति की स्थापना पूरे धार्मिक अनुष्ठान के साथ होगी. तीन दिन का यह अनुष्ठान आज से शुरू हो चुका है.  दो दिनों तक लगातार पूजा के बाद तीसरे और आखिरी दिन यानी 5 जून को दोपहर में लगभग साढ़े 11 बजे प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा. इसके बाद भोग और आरती का आयोजन है. तीन दिवासीय कार्यक्रम 5 जून को दोपहर 1 बजे तक खत्म हो जाएगा. 

मंदिरों का स्थान और महत्व

ईशान कोण में शिवलिंग और अग्नि कोण में गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा होगी. दक्षिणी भुजा में हनुमान जी, नैऋत्य कोण में सूर्य देव और वायव्य कोण में देवी भगवती की मूर्तियां स्थापित होंगी. उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा और दक्षिण-पश्चिम कोने में शेषावतार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह आयोजन मंदिर परिसर को और पवित्र बनाएगा. इन मंदिरों को आम दर्शन के लिए खोलने का फैसला अभी नहीं हुआ है. पहली मंजिल पर सीमित दर्शन की अनुमति होगी. प्रति घंटे केवल 50 भक्तों को पास के जरिए प्रवेश मिल सकता है. ट्रस्ट इस पर विस्तृत योजना बना रहा है. राम भक्तों में एक बार फिर से खुशी की लहर है.  

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