RJD प्रमुख लालू यादव ने बेटे तेजप्रताप को पार्टी से निकाला, 6 साल तक अब नो एंट्री

लालू यादव ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार राजद के सिद्धांतों और परिवार की परंपराओं के विपरीत है. उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत जीवन में नैतिकता की कमी सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष को कमजोर करती है.

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Courtesy: Social Media

Tej Pratap Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर कर दिया, उनका यह निष्कासन छह साल के लिए है. लालू ने कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार पार्टी और परिवार के मूल्यों के खिलाफ है. यह फैसला तेज प्रताप की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों और नैतिक मूल्यों की अवहेलना के कारण लिया गया. 

लालू यादव ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार राजद के सिद्धांतों और परिवार की परंपराओं के विपरीत है. उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत जीवन में नैतिकता की कमी सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष को कमजोर करती है. लालू ने स्पष्ट किया कि तेज प्रताप अब न तो पार्टी में होंगे और न ही परिवार में उनकी कोई भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप को छह साल के लिए राजद से निष्कासित किया गया है.

स्वतंत्र जीवन की सलाह

लालू ने तेज प्रताप को अपने निजी जीवन को स्वतंत्र रूप से संभालने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन को अपने तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं. साथ ही लालू ने यह भी कहा कि जो लोग तेज प्रताप के साथ जुड़ना चाहते हैं, वे अपने विवेक से फैसला लें. यह बयान तेज प्रताप के लिए कड़ा संदेश है.

लालू यादव ने सार्वजनिक नैतिकता और सामाजिक मूल्यों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वह हमेशा सार्वजनिक जीवन में शालीनता के पक्षधर रहे हैं. उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने इस सिद्धांत का पालन किया. लालू ने कहा कि मेरे आज्ञाकारी परिवार के सदस्यों ने सार्वजनिक जीवन में नैतिकता को बनाए रखा. तेज प्रताप का व्यवहार इस विश्वास के खिलाफ था. 

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले आरजेडी के इस फैसले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. राजद समर्थकों में इसकी चर्चा तेज है. तेज प्रताप पहले भी अपने बयानों और व्यवहार के कारण विवादों में रहे हैं. अब पार्टी से उनका निष्कासन राजद की छवि को प्रभावित कर सकता है. यह फैसला लालू के सख्त रुख को दर्शाता है. लालू यादव ने राजद को सामाजिक न्याय और नैतिकता के आधार पर चलाने की बात दोहराई.

उन्होंने कहा कि पार्टी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहेगी. यह निष्कासन पार्टी के भीतर अनुशासन को मजबूत करने का संदेश देता है. राजद कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने की अपील की गई है. तेज प्रताप का निष्कासन राजद और लालू परिवार के लिए नया मोड़ ला सकता है. यह देखना होगा कि तेज प्रताप इस फैसले का जवाब कैसे देते हैं. 

Tej Pratap Yadav: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर कर दिया, उनका यह निष्कासन छह साल के लिए है. लालू ने कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार पार्टी और परिवार के मूल्यों के खिलाफ है. यह फैसला तेज प्रताप की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों और नैतिक मूल्यों की अवहेलना के कारण लिया गया. 

लालू यादव ने एक सार्वजनिक बयान में कहा कि तेज प्रताप का व्यवहार राजद के सिद्धांतों और परिवार की परंपराओं के विपरीत है. उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत जीवन में नैतिकता की कमी सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष को कमजोर करती है. लालू ने स्पष्ट किया कि तेज प्रताप अब न तो पार्टी में होंगे और न ही परिवार में उनकी कोई भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप को छह साल के लिए राजद से निष्कासित किया गया है.

स्वतंत्र जीवन की सलाह

लालू ने तेज प्रताप को अपने निजी जीवन को स्वतंत्र रूप से संभालने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन को अपने तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं. साथ ही लालू ने यह भी कहा कि जो लोग तेज प्रताप के साथ जुड़ना चाहते हैं, वे अपने विवेक से फैसला लें. यह बयान तेज प्रताप के लिए कड़ा संदेश है.

लालू यादव ने सार्वजनिक नैतिकता और सामाजिक मूल्यों पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वह हमेशा सार्वजनिक जीवन में शालीनता के पक्षधर रहे हैं. उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने इस सिद्धांत का पालन किया. लालू ने कहा कि मेरे आज्ञाकारी परिवार के सदस्यों ने सार्वजनिक जीवन में नैतिकता को बनाए रखा. तेज प्रताप का व्यवहार इस विश्वास के खिलाफ था. 

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है. इससे पहले आरजेडी के इस फैसले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. राजद समर्थकों में इसकी चर्चा तेज है. तेज प्रताप पहले भी अपने बयानों और व्यवहार के कारण विवादों में रहे हैं. अब पार्टी से उनका निष्कासन राजद की छवि को प्रभावित कर सकता है. यह फैसला लालू के सख्त रुख को दर्शाता है. लालू यादव ने राजद को सामाजिक न्याय और नैतिकता के आधार पर चलाने की बात दोहराई.

उन्होंने कहा कि पार्टी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहेगी. यह निष्कासन पार्टी के भीतर अनुशासन को मजबूत करने का संदेश देता है. राजद कार्यकर्ताओं से एकजुट रहने की अपील की गई है. तेज प्रताप का निष्कासन राजद और लालू परिवार के लिए नया मोड़ ला सकता है. यह देखना होगा कि तेज प्रताप इस फैसले का जवाब कैसे देते हैं. 

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