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'पार्टी से पहले देश', राहुल गांधी के बयान पर शशि थरूर ने दी सफाई, भारत-पाक तनाव पर डीसी में कह दी ये बात

राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन कॉल के बाद आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की दृढ़ता से तुलना करते हुए कहा कि इंदिरा ने कभी अमेरिकी दबाव नहीं माना. इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी.  

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Courtesy: Social Media

Shashi Tharoor: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिका में राहुल गांधी के उस बयान पर जवाब दिया, जिसमें उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर आत्मसमर्पण का आरोप लगाया था. थरूर ने 'नरेंदर-सरेंडर' वाले बयान पर साफ कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष का कोई हस्तक्षेप नहीं था. उन्होंने कहा कि भारत को रुकने के लिए किसी के कहने की जरूरत नहीं पड़ी.  

राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन कॉल के बाद आत्मसमर्पण कर दिया. उन्होंने 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की दृढ़ता से तुलना करते हुए कहा कि इंदिरा ने कभी अमेरिकी दबाव नहीं माना. इस बयान ने सियासी हलचल मचा दी.  

ट्रंप के दावों पर थरूर का जवाब

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने का श्रेय लेने की कोशिश की. इस पर थरूर ने कहा कि भारत को रुकने के लिए मनाने की जरूरत नहीं थी. हमने पाकिस्तान को साफ कहा कि जैसे ही वे रुकेंगे, हम भी रुकने को तैयार हैं. उन्होंने ट्रंप के हस्तक्षेप के दावों को खारिज करते हुए इसे एक शानदार इशारा बताया. थरूर ने वाशिंगटन डीसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद की भाषा बोलता रहेगा, तो भारत भी उसी भाषा में जवाब देगा. उन्होंने कहा कि हमें बल प्रयोग में कोई हिचक नहीं है. थरूर ने यह भी जोड़ा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है.

ऑपरेशन सिंदूर और भारत की नीति

थरूर अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया की यात्रा पर हैं. उनका मिशन ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक मंच पर बेनकाब करना है. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ सख्ती बरतेगा. थरूर की टिप्पणी के बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्य मिलिंद देवड़ा ने कहा कि शशि थरूर हमेशा पार्टी से पहले देश को प्राथमिकता देते हैं. यह बयान थरूर के रुख को और मजबूत करता है, जो कांग्रेस के भीतर उनकी अलग छवि को दर्शाता है. राहुल गांधी के बयान और थरूर की प्रतिक्रिया ने कांग्रेस के भीतर बहस छेड़ दी है. कुछ नेताओं ने थरूर पर सवाल उठाए, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि वह राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हैं. यह विवाद कांग्रेस की रणनीति पर भी सवाल उठाता है.  

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