'अगर हम पर दोबारा हमला किया तो...', अंतरराष्ट्रीय मंच से शशि थरूर ने दी पाकिस्तान को नई चेतावनी

थरूर ने गुयाना में भारत की शांति की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन डर से नहीं, मजबूती से. उन्होंने बताया कि भारत ने वैश्विक भागीदारों को बार-बार युद्ध से बचने की अपनी मंशा बताई. उन्होंने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान इ बार हमला करता है तो भारत उसका जवाब देगा.

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Courtesy: Social Media

Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि भारत किसी भी उकसावे का जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा. गुयाना में एक कूटनीतिक मंच पर थरूर ने भारत की शांति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को स्पष्ट किया. 

थरूर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था. यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को खत्म करने के लिए थी. थरूर ने कहा कि हमारा मकसद युद्ध शुरू करना नहीं था. यह जवाबी कार्रवाई थी.

उकसावे की कोशिश की तो

थरूर ने गुयाना में भारत की शांति की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन डर से नहीं, मजबूती से. उन्होंने बताया कि भारत ने वैश्विक भागीदारों को बार-बार युद्ध से बचने की अपनी मंशा बताई. थरूर ने कहा कि जब अन्य देशों ने चिंता जताई, हमने यही कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते. थरूर ने साफ किया कि अगर पाकिस्तान ने फिर से उकसावे की कोशिश की, तो भारत और सख्त जवाब देगा. उन्होंने कहा कि अगर वे हम पर फिर हमला करते हैं, तो उन्हें और बुरा जवाब मिलेगा. थरूर ने जोर दिया कि अगर पाकिस्तान शत्रुता बंद करता है, तो भारत को जवाबी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. 10 मई को पाकिस्तान ने बैकचैनल संचार के जरिए तनाव कम करने की पहल की, जिसे थरूर ने महत्वपूर्ण बताया.

पनामा यात्रा पर प्रतिनिधिमंडल

कांग्रेस नेता के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार से पनामा की यात्रा पर जाएगा. इस तीन दिवसीय यात्रा में भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी शून्य-सहिष्णुता नीति को रेखांकित करेगा. प्रतिनिधिमंडल पनामा के नेताओं, मीडिया, रणनीतिक समुदाय और भारतीय प्रवासियों से मुलाकात करेगा. इसमें सरफराज अहमद, हरीश मधुर बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, मिलिंद देवड़ा, तेजस्वी सूर्या और पूर्व राजदूत तरणजीत संधू शामिल हैं.

थरूर ने कहा कि यह यात्रा भारत की एकता और भाईचारे का संदेश देगी. साथ ही आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संकल्प को भी मजबूत करेगी. भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी सैन्य कार्रवाइयां आक्रामकता नहीं, बल्कि आत्मरक्षा के लिए थीं. थरूर ने कहा कि हम शांति में हैं और शांति बनाए रखना चाहते हैं.

Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि भारत किसी भी उकसावे का जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा. गुयाना में एक कूटनीतिक मंच पर थरूर ने भारत की शांति और आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को स्पष्ट किया. 

थरूर ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था. यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को खत्म करने के लिए थी. थरूर ने कहा कि हमारा मकसद युद्ध शुरू करना नहीं था. यह जवाबी कार्रवाई थी.

उकसावे की कोशिश की तो

थरूर ने गुयाना में भारत की शांति की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि हम शांति चाहते हैं, लेकिन डर से नहीं, मजबूती से. उन्होंने बताया कि भारत ने वैश्विक भागीदारों को बार-बार युद्ध से बचने की अपनी मंशा बताई. थरूर ने कहा कि जब अन्य देशों ने चिंता जताई, हमने यही कहा कि हम युद्ध नहीं चाहते. थरूर ने साफ किया कि अगर पाकिस्तान ने फिर से उकसावे की कोशिश की, तो भारत और सख्त जवाब देगा. उन्होंने कहा कि अगर वे हम पर फिर हमला करते हैं, तो उन्हें और बुरा जवाब मिलेगा. थरूर ने जोर दिया कि अगर पाकिस्तान शत्रुता बंद करता है, तो भारत को जवाबी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. 10 मई को पाकिस्तान ने बैकचैनल संचार के जरिए तनाव कम करने की पहल की, जिसे थरूर ने महत्वपूर्ण बताया.

पनामा यात्रा पर प्रतिनिधिमंडल

कांग्रेस नेता के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार से पनामा की यात्रा पर जाएगा. इस तीन दिवसीय यात्रा में भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी शून्य-सहिष्णुता नीति को रेखांकित करेगा. प्रतिनिधिमंडल पनामा के नेताओं, मीडिया, रणनीतिक समुदाय और भारतीय प्रवासियों से मुलाकात करेगा. इसमें सरफराज अहमद, हरीश मधुर बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, मिलिंद देवड़ा, तेजस्वी सूर्या और पूर्व राजदूत तरणजीत संधू शामिल हैं.

थरूर ने कहा कि यह यात्रा भारत की एकता और भाईचारे का संदेश देगी. साथ ही आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक संकल्प को भी मजबूत करेगी. भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी सैन्य कार्रवाइयां आक्रामकता नहीं, बल्कि आत्मरक्षा के लिए थीं. थरूर ने कहा कि हम शांति में हैं और शांति बनाए रखना चाहते हैं.

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