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'उनके किडनी में पथरी और जेल में गंदगी', शर्मिष्ठा पनोली के वकील का दावा!

शर्मिष्ठा के वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने दावा किया कि उनकी हालत खराब है. वे गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं. अलीपुर महिला सुधार गृह में साफ-सफाई की कमी है.

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Courtesy: Social Media

Sharmishta Panoli: कोलकाता पुलिस ने 22 वर्षीय इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया. उन पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा सांप्रदायिक टिप्पणी वाला वीडियो पोस्ट करने का आरोप है. पुलिस का कहना है कि वीडियो ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई. साथ ही, इससे समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की गई. 

शर्मिष्ठा को गुड़गांव से गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद कोलकाता की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. फिलहाल उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में रखा गया हैं.

शर्मिष्ठा के वकील ने खोली पोल 

शर्मिष्ठा के वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने दावा किया कि उनकी हालत खराब है. वे गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं. अलीपुर महिला सुधार गृह में साफ-सफाई की कमी है. उन्हें समाचार पत्र और पत्रिकाएं तक नहीं दी जा रही हैं. उनके वकील ने कोर्ट में याचिका दायर की है. इसमें शर्मिष्ठा के मूल अधिकारों की मांग की गई है. वकील ने कहा कि हम जमानत के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. 13 जून से पहले उन्हें जेल से निकालने की योजना है.

कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तारी को सही ठहराया. उन्होंने कहा कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया. पुलिस ने फेसबुक पर लिखा, "शर्मिष्ठा को देशभक्ति या व्यक्तिगत विश्वास के लिए नहीं पकड़ा गया. उनकी गिरफ्तारी नफरत फैलाने वाली सामग्री के लिए हुई." पुलिस ने बताया कि शर्मिष्ठा को नोटिस देने की कोशिश की गई. लेकिन वह हर बार फरार थीं. इसके बाद गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस की कार्रवाई की आलोचना

पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की. उन्होंने इसे वोट बैंक तुष्टिकरण बताया. मजूमदार ने कहा कि शर्मिष्ठा का वीडियो डिलीट हो चुका है. उन्होंने माफी भी मांगी. फिर भी पुलिस ने रातों-रात कार्रवाई की. कोई दंगा या अशांति नहीं हुई. लेकिन जब टीएमसी नेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं, तब कोई कार्रवाई नहीं होती. यह मामला अब राजनीतिक रफ्तार पकड़ चुका है.

शर्मिष्ठा के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने और समुदायों में नफरत फैलाने का आरोप है. भारतीय न्याय संहिता और बीएनएसएस की धारा 35 के तहत कार्रवाई हुई. पुलिस का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. उन्होंने लोगों से जिम्मेदारी से सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की अपील की. शर्मिष्ठा के समर्थक और वकील उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि कानून अपना काम करेगा. यह मामला कोलकाता में चर्चा का विषय बना हुआ है. 

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