सफायर मीडिया लिमिटेड के सलाहकार तरुण बत्रा ने दिवाला समाधान की चुनौतियों पर किया खुलकर विचार

तरुण बत्रा का बयान: असफल कंपनियां जानबूझकर रिजॉल्यूशन प्लान को बाधित कर न्यायालय में फालतू मामले दायर करती हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित होती है.

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Courtesy: Social Media

तरुण बत्रा का बयान: असफल कंपनियां जानबूझकर रिजॉल्यूशन प्लान को बाधित कर न्यायालय में फालतू मामले दायर करती हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित होती है.

सफायर मीडिया लिमिटेड के रिजॉल्यूशन प्लान में विलंब पर जताई चिंता

सफायर मीडिया लिमिटेड के बोर्ड के एडवाइजर, तरुण बत्रा ने सोमवार को दिवालियापन और शोधन अक्षमता मामलों के समाधान में आने वाली दिक्कतों पर स्पष्ट विचार व्यक्त किए. उन्होंने रिलायंस ब्रॉडकास्ट, जो बिग 92.7 FM के नाम से FM रेडियो कारोबार करती है, के उदाहरण का हवाला देते हुए बताया कि सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा पेश किया गया रिजॉल्यूशन प्लान, जिसे राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने 6 मई 2024 को मंजूरी दी थी, के बाद भी सूचना प्रसारण मंत्रालय ने अब तक डायरेक्टर और शेयर होल्डिंग में बदलाव की मंजूरी नहीं दी है, जिसके कारण पूरी प्रक्रिया में देरी हो रही है.

असफल कंपनियां जानबूझकर रिजॉल्यूशन प्रक्रिया को बाधित कर रही हैं

भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (IBBI) द्वारा दिल्ली में आयोजित कॉन्क्लेव में सफायर मीडिया लिमिटेड के सलाहकार तरुण बत्रा ने रिजॉल्यूशन प्लान की प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों पर खुलकर बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि कई असफल कंपनियां न्यायालय में अनावश्यक और गलत मामलों को दायर कर रिजॉल्यूशन प्रक्रिया को अवरुद्ध करती हैं, और जानबूझकर सफल कंपनियों को परेशान कर पूरी प्रक्रिया का मजाक बना देती हैं.

NCLT ने सफायर मीडिया के रिजॉल्यूशन प्लान को दी थी मंजूरी

6 मई 2024 को, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने रिलायंस ब्रॉडकास्ट द्वारा संचालित बिग 92.7 FM के लिए सफायर मीडिया के रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी दी थी। इसके बाद, नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने असफल आवेदकों—अभिजीत रियलटर्स एंड इन्फ्रावेंचर और क्रिएटिव चैनल एडवरटाइजिंग एंड मार्केटिंग की पांच अपीलों को खारिज कर दिया, जिससे रिजॉल्यूशन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम और प्रगति हुई.
 

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