IndiGo Pilot Abuse: बेंगलुरु के 35 वर्षीय प्रशिक्षु पायलट ने इंडिगो एयरलाइंस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है.
शिकायतकर्ता का आरोप है कि गुरुग्राम के इंडिगो मुख्यालय में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. यह घटना एमार कैपिटल टॉवर 2 में हुई. शिकायत शुरू में बेंगलुरु में जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज की गई. बाद में इसे गुरुग्राम के डीएलएफ-1 पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया.
प्रशिक्षु पायलट ने तापस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल पर उत्पीड़न का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहुंचते ही तापस डे ने उनसे अपमानजनक तरीके से बात करनी शुरू कर दी. शिकायत के अनुसार, यह दुर्व्यवहार का शुरुआती संकेत था. दोपहर 3:30 बजे हुई 30 मिनट की बैठक में तीनों अधिकारियों ने कथित तौर पर जातिगत गालियां दीं. पायलट ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि आप विमान उड़ाने के लायक नहीं, जाकर चप्पल सिलें. साथ ही यह भी कहा कि आप चौकीदार बनने के भी काबिल नहीं है. ऐसे अपमानजनक शब्द बातें कहने का दावा किया जा रहा है. शिकायत में कहा गया कि ये टिप्पणियां उनकी अनुसूचित जाति की पृष्ठभूमि को लेकर की गईं. इसका मकसद उन्हें अपमानित करना था.
शिकायतकर्ता ने बताया कि उत्पीड़न सिर्फ मौखिक नहीं था. उनके वेतन में कटौती की गई. जबरन पुनः प्रशिक्षण कराया गया. यात्रा सुविधाएं रद्द कर दी गईं. अनुचित चेतावनी पत्र भी जारी किए गए. पायलट का दावा है कि यह सब उन्हें इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाने के लिए किया गया. पायलट ने इंडिगो के वरिष्ठ प्रबंधन और आंतरिक नैतिकता समिति से शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूरन उन्हें एससी/एसटी सेल का सहारा लेना पड़ा.
एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट धारा लगाया गया है. यह धाराएं जानबूझकर अपमान और धमकी से संबंधित हैं. साथ ही, बीएनएस की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. इंडिगो एयरलाइंस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं.गुरुग्राम पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. एससी/एसटी सेल इसकी गहन पड़ताल कर रही है.
IndiGo Pilot Abuse: बेंगलुरु के 35 वर्षीय प्रशिक्षु पायलट ने इंडिगो एयरलाइंस के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिगत उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है.
शिकायतकर्ता का आरोप है कि गुरुग्राम के इंडिगो मुख्यालय में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. यह घटना एमार कैपिटल टॉवर 2 में हुई. शिकायत शुरू में बेंगलुरु में जीरो एफआईआर के रूप में दर्ज की गई. बाद में इसे गुरुग्राम के डीएलएफ-1 पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया गया.
प्रशिक्षु पायलट ने तापस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल पर उत्पीड़न का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहुंचते ही तापस डे ने उनसे अपमानजनक तरीके से बात करनी शुरू कर दी. शिकायत के अनुसार, यह दुर्व्यवहार का शुरुआती संकेत था. दोपहर 3:30 बजे हुई 30 मिनट की बैठक में तीनों अधिकारियों ने कथित तौर पर जातिगत गालियां दीं. पायलट ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि आप विमान उड़ाने के लायक नहीं, जाकर चप्पल सिलें. साथ ही यह भी कहा कि आप चौकीदार बनने के भी काबिल नहीं है. ऐसे अपमानजनक शब्द बातें कहने का दावा किया जा रहा है. शिकायत में कहा गया कि ये टिप्पणियां उनकी अनुसूचित जाति की पृष्ठभूमि को लेकर की गईं. इसका मकसद उन्हें अपमानित करना था.
शिकायतकर्ता ने बताया कि उत्पीड़न सिर्फ मौखिक नहीं था. उनके वेतन में कटौती की गई. जबरन पुनः प्रशिक्षण कराया गया. यात्रा सुविधाएं रद्द कर दी गईं. अनुचित चेतावनी पत्र भी जारी किए गए. पायलट का दावा है कि यह सब उन्हें इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाने के लिए किया गया. पायलट ने इंडिगो के वरिष्ठ प्रबंधन और आंतरिक नैतिकता समिति से शिकायत की. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मजबूरन उन्हें एससी/एसटी सेल का सहारा लेना पड़ा.
एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट धारा लगाया गया है. यह धाराएं जानबूझकर अपमान और धमकी से संबंधित हैं. साथ ही, बीएनएस की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. इंडिगो एयरलाइंस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं.गुरुग्राम पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. एससी/एसटी सेल इसकी गहन पड़ताल कर रही है.