तरनतारन में आयोजित आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू के समर्थन में हुए विशाल रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जब जीप की छत से माइक संभाला, तो पूरा जनसमूह ‘इंकलाब’ के नारों से गूंज उठा. मान ने कहा – “मैं मुख्यमंत्री नहीं, दुखमंत्री हूं. मैं आपके सुख-दुख में साझेदार बनकर आया हूं, कुर्सी पर बैठने नहीं.”
इस भावनात्मक संबोधन ने भीड़ को जोश से भर दिया. उन्होंने कहा कि तरनतारन की मिट्टी में उनका भी बचपन बीता है. वह भी कभी गांवों से साइकिल पर स्कूल जाया करते थे और कॉलेज के दिनों में बस की छत पर सफर किया करते थे. मान ने कहा कि यही अनुभव उन्हें आम आदमी की तकलीफें समझने की ताकत देता है.
‘दुखमंत्री’ का संकल्प और सरकारी पहलें:
मान ने कहा कि “दुखमंत्री” बनने का उनका वादा सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है. इस साल आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान उनकी सरकार ने 45 दिनों के भीतर हर पीड़ित किसान को 20,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दिया और दिवाली से पहले हर घर तक राहत पहुंचाई.
उन्होंने आगे कहा कि बीते तीन सालों में पंजाब ने एक नई दिशा पकड़ी है. लगभग 90 प्रतिशत घरों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ मिला है. राज्य में 56,000 युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली हैं, स्कूलों का कायाकल्प किया गया है और गांव-गांव में आम आदमी क्लीनिक स्थापित हुए हैं, जिससे गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं.
किसानों और ग्रामीणों की उम्मीदें:
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों को अब एमएसपी की गारंटी और कर्जमाफी की राहत मिल रही है. इससे खेतों में दोबारा खुशहाली लौट रही है. उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि “पुरानी पार्टियों ने पंजाब को भ्रष्टाचार, नशे और बेरोजगारी के अंधेरे में धकेला, जबकि हमारी सरकार ईमानदारी और विकास का प्रतीक बनी.”
तरनतारन की जनता से अपील:
मान ने कहा कि तरनतारन की धरती ने हमेशा बदलाव को अपनाया है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस चुनाव को सिर्फ एक सीट की लड़ाई न समझें, बल्कि इसे अपने बच्चों के भविष्य का फैसला मानें. “मैं कुर्सी का मालिक नहीं, जनता का साझीदार हूं,” मान के इन शब्दों के साथ पूरा तरनतारन जोश और विश्वास से गूंज उठा.