मान सरकार ने जनहित में सुनाए कड़े फैसले, मरीजों के अधिकारों की होगी सुरक्षा; प्राइवेट अस्पतालों को किया सावधान!

भगवंत मान सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों के लिए कुछ सख्त और जनहितकारी दिशानिर्देश जारी किए हैं. ये निर्णय मरीजों के अधिकारों को मजबूती देने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मानवीय प्रथाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिए गए हैं.

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चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों के लिए कुछ सख्त और जनहितकारी दिशानिर्देश जारी किए हैं. ये निर्णय मरीजों के अधिकारों को मजबूती देने और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मानवीय प्रथाओं को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, सभी निजी अस्पतालों में मुर्दाघर (मॉर्चुअरी) की सुविधा अनिवार्य कर दी गई है ताकि शवों को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से रखा जा सके.  यह कदम उन घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है जहां परिवारों को अपने प्रियजनों के शव को लेकर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था.

सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह है कि अस्पतालों को मृतक का शव परिवार को सौंपना होगा, भले ही बकाया बिल का भुगतान न किया गया हो.  यह नियम शोक की घड़ी में परिवारों को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाया गया है. पंजाब सरकार का यह फैसला उन मामलों को ध्यान में रखकर लिया गया है, जहां कुछ निजी चिकित्सा संस्थानों द्वारा कथित शोषण की शिकायतें मिली थीं, खासकर मरीज की मृत्यु जैसी संवेदनशील स्थितियों में. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ये बदलाव मान सरकार की व्यापक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं कि पंजाब की स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक जन-केंद्रित बनाया जाए.

सभी निजी अस्पतालों में इन निर्देशों को प्रदर्शित करने वाले स्पष्ट नोटिस बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.  यह कदम जनता में जागरूकता बढ़ाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. इन बोर्डों पर मरीजों और उनके परिवारों के अधिकारों की जानकारी स्पष्ट रूप से लिखी होगी, जिससे वे अपने अधिकारों को जान सकें और किसी भी प्रकार के अनुचित व्यवहार के खिलाफ आवाज उठा सकें. स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे इन बोर्डों को अस्पताल के मुख्य स्थानों पर प्रमुखता से लगाएं ताकि हर व्यक्ति इन्हें आसानी से देख और पढ़ सके.

लावारिस शवों के लिए, जिला प्रशासन अंतिम संस्कार करने की पूर्ण जिम्मेदारी लेगा.  यह प्रावधान उन दुखद मामलों के लिए है जहां मृतक के कोई परिजन नहीं होते या उनकी पहचान नहीं हो पाती.  सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे मामलों में भी मृतक को सम्मानजनक विदाई मिले और उनका अंतिम संस्कार विधिवत तरीके से किया जाए. जिला प्रशासन को इस संबंध में एक स्पष्ट प्रक्रिया तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मिलकर काम करेंगे। यह पहल मानवीय मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी को प्रदर्शित करती है.

निजी अस्पतालों में अनुपालन की जांच और शिकायतों को तुरंत संबोधित करने के लिए अतिरिक्त निगरानी टीमें तैनात की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नियमित निरीक्षण किए जाएंगे और इन दिशानिर्देशों का पालन न करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने स्पष्ट किया है कि मरीजों के अधिकारों और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने की योजना बनाई है, जहां लोग किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दोहराया कि करुणा, गरिमा और पारदर्शिता स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र में होनी चाहिए.  उन्होंने नागरिकों को आश्वासन दिया कि प्रशासन व्यवस्था के हर स्तर पर निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाने के लिए काम करता रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और निजी स्वास्थ्य संस्थानों को भी जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य एक ऐसी स्वास्थ्य प्रणाली बनाना है जहां गरीब से गरीब व्यक्ति को भी बिना किसी भेदभाव के गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके.

सरकार आगे और सुधार की योजना भी बना रही है, जिसमें मजबूत शिकायत निवारण तंत्र, बेहतर आपातकालीन देखभाल मानक और सार्वजनिक तथा निजी स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच बेहतर समन्वय शामिल है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि इन दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार की गई है. विभाग ने सभी जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र के सभी निजी अस्पतालों को इन नियमों से अवगत कराएं और उनका पालन सुनिश्चित करें. आने वाले महीनों में इन सुधारों के प्रभाव की समीक्षा की जाएगी.

स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इन दिशानिर्देशों को सराहनीय बताया है और कहा है कि यह कदम मरीजों और उनके परिवारों के लिए राहत लेकर आएगा. एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने कहा कि इस तरह के नियम बहुत पहले लागू होने चाहिए थे क्योंकि कई बार देखा गया है कि निजी अस्पताल बिल के बहाने परिवारों को शव नहीं देते थे. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह मानवीय मूल्यों की रक्षा करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है.

पंजाब में यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सरकार का मानना है कि स्वास्थ्य सेवा एक मौलिक अधिकार है और निजी क्षेत्र को भी सामाजिक जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए. इन नियमों के माध्यम से आम आदमी पार्टी सरकार ने यह संदेश दिया है कि मरीजों और उनके परिवारों के अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. यह पहल न केवल पंजाब के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण हो सकती है जहां स्वास्थ्य सेवाओं में मानवीयता और करुणा को सर्वोपरि रखा जाए.
 

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