मान सरकार का शिक्षा विजन का कमाल, 25 स्कूलों में AI-आधारित करियर गाइडेंस पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च

पंजाब सरकार ने अपनी सरकारी स्कूल शिक्षा प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित करियर गाइडेंस को एकीकृत करने की अपनी तरह की अनोखी पहल की शुरुआत की है.

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Courtesy: Bharatvarsh

चंडीगढ़: पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि सभी छात्रों को करियर गाइडेंस संबंधी समान अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने अपनी सरकारी स्कूल शिक्षा प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (ए.आई.)-आधारित करियर गाइडेंस को एकीकृत करने की अपनी तरह की अनोखी पहल की शुरुआत की है.

पायलट चरण के तहत सरकारी और पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी.एस.ई.बी.) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में 25 ए.आई.-आधारित करियर गाइडेंस लैबोरेटरीज का उद्घाटन किया गया है. श्री हरजोत सिंह बैंस ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नंगल और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़कियां), श्री आनंदपुर साहिब में एक साथ इन लैबोरेटरीज का उद्घाटन करके इस पहलकदमी की शुरुआत की. एजूकेशन-टेक पार्टनर ‘बियोंड मेंटर’ के सहयोग से लागू किया गया यह प्रोग्राम प्रदेश के छात्रों को मुफ्त करियर गाइडेंस देगा.

प्रोजेक्ट के तहत 25 स्कूल कवर

श्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि इस पहलकदमी का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को सही समय पर सही साधनों से सशक्त बनाना है. उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत कवर किए गए 25 स्कूलों की कार्यक्षमता, छात्रों के परिणाम और कार्य-कुशलता की निकट से निगरानी की जाएगी. इस पहलकदमी के सफलतापूर्वक लागू होने पर पंजाब भर में इसके चरणबद्ध विस्तार के लिए रास्ता साफ हो जाएगा, जिससे पंजाब अपने सार्वजनिक शिक्षा ढांचे में योजनाबद्ध ए.आई.-आधारित करियर गाइडेंस को शामिल करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा. यह पहलकदमी मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था की जरूरतों के मुताबिक अपने छात्रों को तैयार करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

उन्होंने कहा कि करियर गाइडेंस की सुविधा केवल अमीरों का हक नहीं होनी चाहिए और हम इसी पक्ष को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में संरचनात्मक, ए.आई.-आधारित काउंसलिंग सुविधा प्रदान करके यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बच्चे, चाहे उसका सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, को अपने भविष्य के बारे में अपनी मर्जी के अनुसार चुनाव का मौका मिले.

शिक्षा मंत्री ने क्या बताया?

ए.आई.-आधारित लैबोरेटरीज की कार्य प्रक्रिया के बारे में जानकारी साझा करते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ए.आई.-आधारित योग्यता और रुचि के मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना होगा. यह सिस्टम एक व्यक्तिगत करियर रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसमें छात्र की संभावित शैक्षणिक और व्यावसायिक रुचियों को उजागर किया जाएगा और फिर पेशेवर सलाहकार छात्रों के साथ वन-टू-वन सेशन करेंगे, जिसमें माता-पिता को शामिल करके रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए एक कार्यशील योजना तैयार की जाएगी.

उन्होंने कहा कि यह मॉडल पारंपरिक तरीकों से अलग तैयार किया गया है ताकि शुरुआती चरण- 6वीं कक्षा से ही छात्रों की रुचि के अनुसार व्यक्तिगत, डेटा-आधारित गाइडेंस प्रदान की जा सके.

सुनहरा भविष्य का रास्ता खुले

पी.एस.ई.बी. के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह ने परीक्षा-केंद्रित शिक्षा से संपूर्ण विकास की ओर बदलाव पर जोर दिया और कहा कि सच्ची शिक्षा वही है जो आपके लिए सुनहरा भविष्य का रास्ता खोले. ये लैबोरेटरीज छात्रों को नंबरों की दौड़ के पुराने तरीकों से हटकर अपने प्राकृतिक हुनर को पहचानते हुये इसे ठोस करियर लक्ष्यों की ओर निर्देशित करने में मदद करेंगी.

बियोंड मेंटर के सीईओ श्री सौरव कुमार ने कहा कि हमारा प्लेटफॉर्म तकनीक को मानवीय भावनाओं और रुचियों से जोड़ता है. ए.आई. स्केलेबल मूल्यांकन संभालता है और काउंसलिंग का काम पेशेवर देखते हैं, जिस दौरान यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर बच्चा अपनी बात खुलकर रख सके और उसे अपनी रुचि के अनुसार सही गाइडेंस मिले.

सरकारी स्कूल करियर गाइडेंस

इस दौरान सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़कियां), नंगल की 9वीं कक्षा की छात्रा अक्षिता ने साझा किया कि वह बहुत उत्सुक है कि हमारा सरकारी स्कूल करियर गाइडेंस के बारे में इतनी उन्नत सुविधाएं प्रदान कर रहा है. उसने आगे कहा कि पहले हमें करियर के केवल कुछ सामान्य विकल्पों के बारे में पता था, लेकिन काउंसलिंग सेशन के माध्यम से हम करियर की कई नई संभावनाओं के बारे में जान पाए.

उसने कहा कि ऐसी करियर गाइडेंस आम तौर पर प्राइवेट स्कूलों में मिलती थी. अक्षिता के पिता श्री विशाल शर्मा ने राज्य सरकार की समावेशी पहल की भरपूर प्रशंसा करते हुए कहा कि मेरे लिए अपनी बेटी के साथ काउंसलिंग सेशन का हिस्सा बनना अनमोल पल था. उन्होंने कहा कि इस सेशन ने उनकी बेटी के भविष्य के बारे में बातचीत में उन्हें शामिल करके एक अलग और विश्वसनीय अनुभव दिया.

सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (लड़कियां), श्री आनंदपुर साहिब की 6वीं कक्षा की छात्रा शरण ने कहा कि इस प्रोग्राम ने मुझे अपनी रुचियों और व्यक्तित्व को बेहतर ढंग से समझने में मदद की है. मुझे यकीन है कि यह प्रोग्राम मुझे पूरे विश्वास के साथ अपने करियर की चुनाव में मदद करेगा.
 

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