New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी, साथ ही सीबीआई द्वारा कथित शराब नीति घोटाले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका भी खारिज कर दी. वकील ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता को पहले निचली अदालत में जाना चाहिए. एनडीटीवी को आपके सूत्रों से पता चला है कि केजरीवाल अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
बता दें कि मार्च में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पहली बार गिरफ्तार किए गए केजरीवाल ने अब तक 115 दिन जेल में बिताए हैं, जो 2024 के लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले हुआ था. 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने नियमित ज़मानत दी थी .हालाँकि, सीबीआई की जगह ईडी ने उनकी गिरफ्तारी की थी. जून में श्री केजरीवाल को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था. कुछ ही दिनों बाद, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को उनकी गिरफ्तारी के लिए जमानत दे दी, जो बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखी.
पिछले महीने अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि संघीय सरकार “अनुमानों और परिकल्पनाओं” का उपयोग करके मुख्यमंत्री को फंसाने की कोशिश कर रही है, उनके मुवक्किल के खिलाफ सीबीआई मामले को अफवाह बताया. उन्होंने कहा 'वे आम आदमी द्वारा द्वारा प्रचार पर 4 करोड़ रुपये खर्च करने का उल्लेख करते हैं. सत्तारूढ़ पार्टी का प्रचार पर खर्च हुआ धन मुझे आश्चर्यचकित करता है. मुझे आश्चर्य है कि सीबीआई उनसे सवाल पूछेगी या नहीं. आज कोई स्पष्ट सबूत या बरामदगी नहीं है. यह सिर्फ अफवाह है.'
श्री सिंघवी ने जोर देकर कहा कि नेता ने जमानत के लिए तीन शर्तों को पूरा किया है: भागने का खतरा नहीं, साक्ष्यों को छेड़छाड़ करने की संभावना नहीं या गवाहों को प्रभावित करने की संभावना नहीं. उन्हें लगा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी एक "बीमा गिरफ्तारी" है. ED मामले में किसी न किसी रूप में तीन बार जमानत मिल चुकी है". जब से मैं सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया हूँ, तब से कोई टकराव नहीं हुआ है.
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