Shashi Tharoor in Colombia: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 29 मई को कोलंबिया पहुंचा. यह यात्रा भारत की वैश्विक आउटरीच पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा थी. इस दौरान थरूर ने कोलंबियाई सरकार के उस बयान पर निराशा जताई, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान में हुए नुकसान पर संवेदना व्यक्त की थी. थरूर ने कहा कि आतंकवादियों और उनका विरोध करने वालों में कोई समानता नहीं हो सकती. हम केवल आत्मरक्षा में कदम उठा रहे हैं.
थरूर ने कोलंबिया में स्पष्ट किया कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की है. उन्होंने 22 अप्रैल को भारत पर हुए भीषण आतंकवादी हमले का जिक्र किया. इस हमले का दावा ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नामक संगठन ने किया था, जो पाकिस्तान के मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा है. थरूर ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह दी. वहां एक आतंकवादी का अंतिम संस्कार भी बड़े स्तर पर हुआ, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य और पुलिस अधिकारी शामिल थे. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करता रहेगा.
थरूर ने पाकिस्तान को चीन से मिलने वाले समर्थन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के 81 प्रतिशत रक्षा उपकरण चीन से आते हैं. ये उपकरण रक्षा के लिए नहीं, बल्कि हमले के लिए हैं. थरूर ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का जिक्र किया, जो चीन को पाकिस्तान के बंदरगाह से जोड़ता है. उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तान के विकास से कोई आपत्ति नहीं, लेकिन आतंकवाद का प्रसार बर्दाश्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हमें कई देशों जैसे अमेरिका, फ्रांस, यूएई और सऊदी अरब से फोन आए. हमने सभी को बताया कि हम केवल आतंकवादी हमले का जवाब दे रहे हैं. अगर आतंकवाद रुकेगा, तो हम भी रुकेंगे. थरूर ने यह भी कहा कि भारत ने किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया. भारत ने 7 मई की रात को आतंकवाद विरोधी कार्रवाई शुरू की थी और यह स्पष्ट था कि भारत आक्रामक शक्ति नहीं है.
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की जरूरत
थरूर ने कोलंबिया को याद दिलाया कि वह भी आतंकवाद का शिकार रहा है. उन्होंने कहा कि भारत ने चार दशकों तक आतंकवादी हमलों का सामना किया है. कोलंबिया इस दर्द को समझ सकता है. उन्होंने वैश्विक मंच से दुनिया के सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. थरूर ने जोर दिया कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा, लेकिन शांति उसकी प्राथमिकता है. शशि थरूर के इन बातों से यह साफ होता है कि भारत आतंकवाद के साथ देने वालों को यह बताता रहेगा कि यह गलत है और सभी चीजों को गौर से देख रहा है.