वैश्विक व्यापार में हलचल! डोनाल्ड ट्रंप ने 70 देशों पर की टैरिफ लगाने की घोषणा, देखें पूरी लिस्ट

कनाडा पर शुल्क को 25% से बढ़ाकर 35% कर दिया गया है. व्हाइट हाउस ने कनाडा पर 'अवैध दवा संकट' से निपटने में विफलता का आरोप लगाया. साथ ही, कनाडा के प्रतिशोधात्मक कदमों को इसका कारण बताया.

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Courtesy: Social Media

Donald Trump Reciprocal Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने फैसले से एक बार फिर व्यापार की दुनिया मेें हलचल मचा दिया है. उन्होंने गुरुवार को एक बड़ा कार्यकारी आदेश जारी किया. इस आदेश के मुताबिक 70 से अधिक देशों पर 10% से 41% तक के नए शुल्क लगाए जाने के आदेश दिए गए हैं. भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 25% शुल्क लागू होगा. ट्रंप ने इसे व्यापार असंतुलन को ठीक करने का कदम बताया.

ट्रंप का कहना है कि अमेरिका का कई देशों के साथ व्यापार घाटा बढ़ रहा है. इस आदेश का मकसद इस घाटे को कम करना है. व्हाइट हाउस ने कहा कि कुछ देशों की व्यापार नीतियां अमेरिका के लिए नुकसानदेह हैं. इन शुल्कों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

किस देश पर कितने प्रतिशत टैरिफ 

कनाडा पर शुल्क को 25% से बढ़ाकर 35% कर दिया गया है. व्हाइट हाउस ने कनाडा पर 'अवैध दवा संकट' से निपटने में विफलता का आरोप लगाया. साथ ही, कनाडा के प्रतिशोधात्मक कदमों को इसका कारण बताया.नए आदेश में कई देशों के लिए अलग-अलग शुल्क दरें तय की गई हैं. कुछ प्रमुख देश और उनके शुल्क इस प्रकार हैं:

41% टैरिफ: सीरिया
40% टैरिफ: लाओस, म्यांमार (बर्मा)
39% टैरिफ: स्विट्ज़रलैंड
35% टैरिफ: इराक, सर्बिया
30% टैरिफ: अल्जीरिया,लीबिया, दक्षिण अफ्रीका, बोस्निया और हर्जेगोविना 
25% टैरिफ: भारत, ब्रुनेई, कज़ाकिस्तान, मोल्दोवा, ट्यूनीशिया
20% टैरिफ: बांग्लादेश, श्रीलंका, ताइवान, वियतनाम
19% टैरिफ: पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, कंबोडिया, फिलीपींस, थाईलैंड
18% टैरिफ: निकारागुआ
15% टैरिफ: इज़राइल, जापान, तुर्की, नाइजीरिया, घाना, और कई अन्य
10% टैरिफ: ब्राज़ील, यूनाइटेड किंगडम, फ़ॉकलैंड द्वीप समूह

यूरोपीय संघ को राहत

यूरोपीय संघ (EU) के लिए विशेष छूट दी गई है. जिन वस्तुओं पर अमेरिका 15% से अधिक शुल्क वसूलता है, उन्हें नए टैरिफ से छूट मिलेगी. वहीं 15% से कम शुल्क वाली वस्तुओं पर टैरिफ को 15% तक समायोजित किया जाएगा. वहीं भारत पर 25% टैरिफ शुल्क लगेगा. इससे भारतीय निर्यातक प्रभावित हो सकते हैं. खासकर कपड़ा, ऑटोमोबाइल, और फार्मा उद्योगों पर असर पड़ सकता है. भारत सरकार इस कदम का जवाब दे सकती है. व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों के बीच बातचीत जरूरी है. ये शुल्क वैश्विक व्यापार को प्रभावित करेंगे. कई देश अमेरिका के इस कदम का विरोध कर सकते हैं. विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इसकी शिकायत हो सकती है. कनाडा, भारत, और अन्य देश जवाबी शुल्क लगा सकते हैं. इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बढ़ सकती है.
 

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