Operation Sindoor: पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने दावा किया कि भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता के प्रस्ताव को साफ तौर पर ठुकरा दिया था. डार के इस बयान से यह साफ हो गया है कि भारत ने युद्धविराम का फैसला स्वतंत्र रूप से लिया था. इसमें किसी की भी सहायता नहीं ली गई.
भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया. इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने भारतीय डीजीएमओ को फोन कर युद्धविराम की अपील की थी. ऑपरेशन सिंदूर के खत्म होने के चार महीने बाद डार का यह बयान सामने आया है.
अलजजीरा को दिए इंटरव्यू में मंगलवार को इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान तनाव को कम करने के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए तैयार था. लेकिन भारत ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया. डार ने बताया कि भारत हमेशा से इस मुद्दे को द्विपक्षीय मानता है. भारत ने साफ कर दिया कि वह किसी तीसरे पक्ष को इसमें शामिल नहीं होने देगा. यह बयान भारत के दृढ़ रुख को दर्शाता है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा की थी. इसके बाद उन्होंने 30 से ज्यादा बार इसका श्रेय लिया. लेकिन भारत ने बार-बार कहा कि यह युद्धविराम आपसी बातचीत का परिणाम था. इसमें किसी भी तीसरे पक्ष ने कोई भूमिका नहीं निभाई है. अब डार के बयान ने भारत की बात को और मजबूती दी है.
THERE WAS NO 3RD PARTY MEDIATION.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 16, 2025
Rahul Gandhi, listen carefully → Pakistan’s own Foreign Minister Ishaq Dar told Al-Jazeera that India categorically rejected any third-party ceasefire mediation.
Stop peddling lies. Stop echoing Pakistan’s propaganda. pic.twitter.com/ib3ccDjch0
डार ने इंटरव्यू में यह भी बताया कि उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से इस मुद्दे पर बात की थी. रूबियो ने साफ कहा कि भारत इसे द्विपक्षीय मामला मानता है. डार ने आगे कहा कि पाकिस्तान इस विवाद को सुलझाने के लिए किसी से भी बातचीत को तैयार है. उनका मानना है कि संवाद ही एकमात्र समाधान है. इशाक डार का यह बयान भारत की कूटनीतिक जीत को दर्शाता है. भारत ने हमेशा अपने रुख को स्पष्ट रखा है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी मुद्दे को द्विपक्षीय स्तर पर ही सुलझाएगा. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारत ने अपनी ताकत और स्वतंत्रता का परिचय दिया. डार के बयान ने एक बार फिर भारत के इस दृढ़ रुख को दुनिया के सामने ला दिया.