Donald Trump on Thailand-Cambodia Ceasefire: थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तीन दिनों तक चली हिंसक सीमा झड़पों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देशों के नेता तत्काल युद्धविराम के लिए बातचीत को तैयार हैं. इस हिंसा में लगभग दो लाख लोग विस्थापित हुए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि उन्होंने कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट और थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई से उन्होंने बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने दोनों देशों को चेतावनी दी कि हिंसा उनके अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौतों को खतरे में डाल सकती है. ट्रंप ने कहा कि दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और शांति चाहते हैं. वे जल्द मिलकर बातचीत करेंगे. उन्होंने दोनों देशों की संस्कृति और इतिहास की प्रशंसा करते हुए शांति के बाद व्यापारिक समझौतों को अंतिम रूप देने की इच्छा जताई.
थाईलैंड के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के प्रस्ताव का स्वागत किया. कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम ने युद्धविराम की आवश्यकता पर सहमति जताई, लेकिन कंबोडिया की ओर से 'ईमानदार इरादे' देखने की शर्त रखी. मंत्रालय ने कहा कि हम कंबोडिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता चाहते हैं. फुमथम ने ट्रंप से यह संदेश कंबोडिया तक पहुंचाने का अनुरोध किया.
कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने सोशल मीडिया पर तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम की मांग का समर्थन किया. हालांकि, फ्रेश न्यूज़ के अनुसार, उन्होंने थाईलैंड की स्थिति को गलत समझा, जिसमें बैंकॉक ने तत्काल युद्धविराम की सहमति नहीं दी थी.
दोनों देशों के बीच 800 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा का है. खासकर प्रीह विहियर और ता मुएन थॉम जैसे प्राचीन हिंदू मंदिरों के आसपास यह तनाव बढ़ा है. कंबोडिया का दावा है कि ता मुएन थॉम खमेर साम्राज्य का हिस्सा था, जबकि थाईलैंड इसे अपना क्षेत्र मानता है. मई में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद तनाव बढ़ा. बुधवार को एक बारूदी सुरंग में पांच थाई सैनिक घायल हुए, जिसके बाद बैंकॉक ने सीमा बंद कर दी और कंबोडियाई राजदूत को निष्कासित कर दिया.
दोनों पक्षों ने रॉकेट और तोपखाने का इस्तेमाल किया. थाई सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि 'आवश्यकता पड़ने पर' प्रतिबंधित क्लस्टर हथियारों का उपयोग हो सकता है. ह्यूमन राइट्स वॉच ने आबादी वाले क्षेत्रों में ऐसे हथियारों के इस्तेमाल की निंदा की. 2011 के बाद यह सबसे बड़ा टकराव है, जिसमें पहले 20 लोग मारे गए थे.