वैश्विक शांति और विकास पर भारत का जोर, जयशंकर ने पश्चिमी देशों को दी नसीहत

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन और गाजा के संघर्षों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटका दिया है. ऊर्जा, खाद्य और उर्वरक सुरक्षा पर इसका बुरा असर पड़ा है. खास तौर पर वैश्विक दक्षिण के देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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Courtesy: X (@DrSJaishankar)

S Jaishankar: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने यूक्रेन और गाजा में चल रहे युद्धों को लेकर वैश्विक मंच पर अपनी बात रखी. उन्होंने पश्चिमी देशों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि शांति ही विकास का रास्ता खोलती है. न्यूयॉर्क में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में उन्होंने बातचीत और कूटनीति को एकमात्र समाधान बताया.

जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन और गाजा के संघर्षों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटका दिया है. ऊर्जा, खाद्य और उर्वरक सुरक्षा पर इसका बुरा असर पड़ा है. खास तौर पर वैश्विक दक्षिण के देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. आपूर्ति और रसद की समस्या बढ़ गई है, जिससे लागत और पहुंच पर दबाव बढ़ा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि युद्ध किसी के हित में नहीं हैं.

G20 देशों से किया खास आग्रह

विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि युद्ध का समाधान युद्ध नहीं, बल्कि बातचीत और कूटनीति है. उन्होंने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास के बीच संतुलन बनाना होगा. दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं. जयशंकर ने G20 देशों से आग्रह किया कि वे स्थिरता के लिए मिलकर काम करें. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की वकालत की और कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. जयशंकर ने आतंकवाद को शांति और विकास के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख अपनाना जरूरी है. कोई भी देश इसे सहन या समर्थन न करे. उन्होंने आतंकवादियों के वैश्विक नेटवर्क पर ध्यान दिलाया और कहा कि इनके खिलाफ कार्रवाई करने वाला देश पूरी दुनिया की सेवा करता है.

अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल

संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के एक कार्यक्रम में जयशंकर ने वैश्विक कार्यबल पर भी बात की. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और H-1B वीजा नीतियों पर परोक्ष रूप से टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि दुनिया को वैश्विक कार्यबल की जरूरत है. यह हकीकत है, जिससे कोई बच नहीं सकता. जयशंकर ने बताया कि कई देशों में मांग को केवल स्थानीय जनसंख्या से पूरा नहीं किया जा सकता. उन्होंने सुझाव दिया कि एक समकालीन और कुशल वैश्विक कार्यबल मॉडल बनाना जरूरी है. यह अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल है, जिसका समाधान होना चाहिए.

राजनीतिक और आर्थिक रूप से अस्थिर

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद की सीमाओं पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्थिति राजनीतिक और आर्थिक रूप से अस्थिर है. इसे सुधारने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने G20 से अपील की कि वे वैश्विक स्थिरता के लिए सकारात्मक दिशा में कदम उठाएं. जयशंकर का यह बयान भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका को दर्शाता है. उन्होंने शांति, कूटनीति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को प्राथमिकता दी. साथ ही, वैश्विक कार्यबल और आर्थिक स्थिरता जैसे मुद्दों पर भारत के रुख को स्पष्ट किया. उनकी यह टिप्पणी वैश्विक समुदाय के लिए एक मजबूत संदेश है कि बातचीत और सहयोग ही भविष्य का रास्ता है.

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