जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पाकिस्तान को लेकर जताई थी चिंता, पुतिन के साथ बातचीत के दस्तावेजों से हुआ खुलासा

नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव द्वारा इस सप्ताह जारी गोपनीय दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2001 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से निजी मुलाकात में पाकिस्तान को लेकर गहरी चिंता जताई थी. 

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नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव द्वारा इस सप्ताह जारी गोपनीय दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2001 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश से निजी मुलाकात में पाकिस्तान को लेकर गहरी चिंता जताई थी. 

पुतिन ने पाकिस्तान को परमाणु हथियारों से लैस एक सैनिक शासन" करार देते हुए कहा कि वहां लोकतंत्र का अभाव है, फिर भी पश्चिमी देश इसकी आलोचना नहीं करते. यह बातचीत 16 जून 2001 को स्लोवेनिया के ब्रनो कैसल में दोनों नेताओं की पहली व्यक्तिगत बैठक के दौरान हुई थी.

पुतिन-बुश की निजी बातचीत का खुलासा

फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन एक्ट के तहत जारी दस्तावेजों में दर्ज है कि पुतिन और बुश ने परमाणु अप्रसार, ईरान, उत्तर कोरिया और नाटो विस्तार जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की. पाकिस्तान के संदर्भ में पुतिन ने बुश से स्पष्ट कहा, "मुझे पाकिस्तान की चिंता है. यह सिर्फ परमाणु हथियारों वाला एक सैनिक शासन है. यहां लोकतंत्र नहीं है, फिर भी पश्चिम इसकी आलोचना नहीं करता. इस बारे में बात करनी चाहिए."

बुश ने जवाब में कहा कि अमेरिका-रूस टकराव अब कोई खतरा नहीं है. पुतिन ने सहमति जताते हुए कहा कि मुझे पता है, मैंने आपको कभी खतरा नहीं माना, यहां तक कि शीत युद्ध के दौरान भी. बुश ने शीत युद्ध को संदेह और प्रतिस्पर्धा का दौर बताया, जिस पर पुतिन ने हल्के व्यंग्य में कहा कि आपने नीचा दिखाने का काम बहुत अच्छे से किया. यह बातचीत दोनों नेताओं के बीच विश्वास बनाने की शुरुआत थी, लेकिन पाकिस्तान पर पुतिन की टिप्पणी उस समय की भू-राजनीतिक चिंताओं को उजागर करती है.

2001 का पाकिस्तानी संदर्भ

उस समय पाकिस्तान की कमान सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के हाथ में थी, जिन्होंने 1999 में तख्तापलट कर सत्ता हथिया ली थी. भारत लंबे समय से पाकिस्तान के परमाणु प्रसार और गुप्त कार्यक्रमों पर चिंता जताता रहा है. 1998 में दोनों देशों के परमाणु परीक्षणों के बाद क्षेत्रीय तनाव चरम पर था. पुतिन की यह टिप्पणी दर्शाती है कि रूस भी इस्लामाबाद की सैन्य प्रकृति और परमाणु क्षमता से सतर्क था. इन पुराने दस्तावेजों का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में दावा किया था कि पाकिस्तान सक्रिय रूप से परमाणु परीक्षण कर रहा है. सीबीएस न्यूज को दिए साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि हम भी परीक्षण करने जा रहे हैं क्योंकि वे परीक्षण कर रहे हैं. उत्तर कोरिया परीक्षण कर रहा है, पाकिस्तान परीक्षण कर रहा है.

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