नई दिल्ली: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव एक बार फिर सुर्खियों में है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि अगर तुर्की के इस्तांबुल में चल रही शांति वार्ता विफल होती है, तो उनका देश अफगानिस्तान के साथ खुला युद्ध छेड़ सकता है.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच रिश्ते काफी लंबे समय से तनाव पूर्ण है. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादियों को पनाह देता है. इसके जवाब में पाकिस्तान ने काबुल में टीटीपी के ठिकानों पर हवाई हमले किए. इन हमलों ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया.
पाकिस्तान हमले के बाद अफगानिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की और दावा किया कि उसने 50 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और कई चौकियों पर कब्जा कर लिया. इस संघर्ष ने हालात को और जटिल कर दिया. डूरंड रेखा पर दोनों देशों के बीच हमले जारी रहे. एक हमले में तीन अफगान क्रिकेटरों की मौत हो गई, जिसके बाद तालिबान सरकार ने पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ त्रिकोणीय क्रिकेट श्रृंखला रद्द कर दी.
इस बढ़ते तनाव को देखते हुए कतर और तुर्की ने मध्यस्थता की. दोहा में दोनों देशों के बीच एक शांति संधि पर हस्ताक्षर हुए. कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष तत्काल युद्धविराम और स्थायी शांति के लिए सहमत हुए. इस समझौते के तहत तुर्की के इस्तांबुल में शांति वार्ता का दूसरा दौर शुरू हुआ. हालांकि ख्वाजा आसिफ का ताजा बयान इस वार्ता पर सवाल खड़े करता है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अल जज़ीरा को दिए बयान में कहा कि अगर वार्ता विफल होती है, तो हमारे पास खुला युद्ध का विकल्प है. लेकिन हमें लगता है कि अफगानिस्तान शांति चाहता है. इसी बीच, पाकिस्तानी सेना ने खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान में एक आत्मघाती हमले को नाकाम करने का दावा किया है.
सेना के अनुसार तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया जो फितना अल-खवारिज से जुड़े थे. ये आतंकवादी एक वाहन के जरिए हमला करने की योजना बना रहे थे. पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि हमारी सेना ने एक बड़ा हमला टाल दिया.