Shangri-La Dialogue 2025: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने 30 मई से 1 जून 2025 तक सिंगापुर में आयोजित 22वें शांगरी-ला डायलॉग में आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया. इस प्रतिष्ठित रक्षा मंच पर जनरल चौहान ने 'भविष्य के युद्ध और युद्ध' विषय पर अपने विचार साझा किए और 'रक्षा नवाचार समाधान' पर एक विशेष सत्र में भाग लिया.
उन्होंने साफ किया कि भारत अब नई रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है और अगर पाकिस्तान से सिर्फ दुश्मनी ही मिलती है तो दूरी बनाए रखना ही बेहतर रणनीति है.
भारत की प्रगति
जनरल चौहान ने भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी के समय पाकिस्तान कई मायनों में भारत से आगे था, लेकिन आज भारत अर्थव्यवस्था, मानव विकास और सामाजिक समरसता में उससे कहीं आगे है. उन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक पहल का जिक्र किया, जब पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया था.
हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि “तालियां बजाने के लिए दो हाथ चाहिए,” और यदि जवाब में शत्रुता मिले, तो दूरी बनाना ही समझदारी है.
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ता सहयोग
जनरल चौहान ने ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, जापान, सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका सहित कई देशों के रक्षा अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं. अमेरिका के इंडो-पैसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल सैमुअल जे. पापारो के साथ मुलाकात में ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य सहयोग पर चर्चा हुई. इन बैठकों का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और रक्षा साझेदारी को मजबूत करना था.
शांग्री-ला डायलॉग का महत्व
47 देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी वाला यह मंच ताइवान और दक्षिण चीन सागर जैसे मुद्दों पर चर्चा का केंद्र रहा. इस बार चीन ने अपने रक्षा मंत्री को न भेजकर रणनीतिक बदलाव का संकेत दिया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उद्घाटन भाषण दिया, जो इस मंच के इतिहास में पहली बार किसी यूरोपीय नेता का योगदान था.