'भारत युद्ध नहीं चाहता लेकिन...,' न्यूयॉर्क में आतंकवाद के खिलाफ शशि थरूर ने कही बड़ी बात

बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने बताया कि भारत की ओर से नौ आतंकी ठिकानों, जैसे मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा और बहावललपुर में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को निशाना बनाया गया. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर कड़ा और चतुराई से हमला किया.

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Courtesy: Social Media

Shashi Tharoor in US: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने न्यूयॉर्क अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास में भारत के आतंकवाद विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की . उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर कड़ा और चतुराई से हमला किया.

बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने बताया कि भारत की ओर से नौ आतंकी ठिकानों, जैसे मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा और बहावललपुर में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को निशाना बनाया गया. उन्होंने भारतीय सेना की इस कार्रवाई को पहलगाम में 26 लोगों की मौत के बाद मजबूत और संतुलित प्रतिक्रिया बताई है.

सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास

थरूर ने कहा कि पहलगाम हमला आतंकवादियों का सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास था. हमलावरों ने पीड़ितों के धर्म की पहचान कर हत्याएं कीं. इसका मकसद भारत में तनाव पैदा करना था. उन्होंने कहा कि वहां मौजूद अधिकांश पीड़ित हिंदू थे.  थरूर ने कहा कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित समूह प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ) ने किया. इस समूह ने एक घंटे में जिम्मेदारी ली. थरूर ने अफसोस जताया कि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इनकार किया. चीन की मदद से पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के बयान से टीआरएफ का जिक्र हटवाया.

कांग्रेस नेता ने जम्मू-कश्मीर में दिखाई गई एकजुटता की सराहना की. उन्होंने कहा कि राजनेताओं से लेकर आम नागरिकों तक, सभी ने धार्मिक मतभेदों को दरकिनार कर एकता दिखाई. यह आतंकवादियों के नापाक इरादों पर करारा जवाब था. थरूर ने कहा कि भारत को इस हमले का स्रोत पता था. यह आतंकवाद का सुनियोजित प्रयास था.

भारत युद्ध कभी नहीं चाहता

विपक्षी पार्टी ने विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्पष्ट किया कि भारत कभी भी युद्ध नहीं चाहता. भारत अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और लोगों को 21वीं सदी में लाना चाहता है. लेकिन पाकिस्तान भारत के क्षेत्र पर कब्जे की मंशा रखता है. थरूर ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए अपने मकसद हासिल करना चाहता है, जो स्वीकार्य नहीं है. भारत ने आतंकवाद का कड़ा जवाब दिया, लेकिन वह सशस्त्र संघर्ष नहीं चाहता.

थरूर पांच देशों के बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. जिसमें शांभवी चौधरी, मल्लिकार्जुन देवड़ा, तेजस्वी सूर्या और पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू समेत कई लोग शामिल हैं. यह दल वैश्विक समुदाय को भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति से अवगत कराएगा. 

Shashi Tharoor in US: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने न्यूयॉर्क अमेरिका में भारतीय वाणिज्य दूतावास में भारत के आतंकवाद विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की . उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर कड़ा और चतुराई से हमला किया.

बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थरूर ने बताया कि भारत की ओर से नौ आतंकी ठिकानों, जैसे मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा और बहावललपुर में जैश-ए-मोहम्मद के अड्डों को निशाना बनाया गया. उन्होंने भारतीय सेना की इस कार्रवाई को पहलगाम में 26 लोगों की मौत के बाद मजबूत और संतुलित प्रतिक्रिया बताई है.

सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास

थरूर ने कहा कि पहलगाम हमला आतंकवादियों का सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास था. हमलावरों ने पीड़ितों के धर्म की पहचान कर हत्याएं कीं. इसका मकसद भारत में तनाव पैदा करना था. उन्होंने कहा कि वहां मौजूद अधिकांश पीड़ित हिंदू थे.  थरूर ने कहा कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े प्रतिबंधित समूह प्रतिरोध मोर्चा (टीआरएफ) ने किया. इस समूह ने एक घंटे में जिम्मेदारी ली. थरूर ने अफसोस जताया कि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इनकार किया. चीन की मदद से पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के बयान से टीआरएफ का जिक्र हटवाया.

कांग्रेस नेता ने जम्मू-कश्मीर में दिखाई गई एकजुटता की सराहना की. उन्होंने कहा कि राजनेताओं से लेकर आम नागरिकों तक, सभी ने धार्मिक मतभेदों को दरकिनार कर एकता दिखाई. यह आतंकवादियों के नापाक इरादों पर करारा जवाब था. थरूर ने कहा कि भारत को इस हमले का स्रोत पता था. यह आतंकवाद का सुनियोजित प्रयास था.

भारत युद्ध कभी नहीं चाहता

विपक्षी पार्टी ने विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए स्पष्ट किया कि भारत कभी भी युद्ध नहीं चाहता. भारत अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और लोगों को 21वीं सदी में लाना चाहता है. लेकिन पाकिस्तान भारत के क्षेत्र पर कब्जे की मंशा रखता है. थरूर ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के जरिए अपने मकसद हासिल करना चाहता है, जो स्वीकार्य नहीं है. भारत ने आतंकवाद का कड़ा जवाब दिया, लेकिन वह सशस्त्र संघर्ष नहीं चाहता.

थरूर पांच देशों के बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. जिसमें शांभवी चौधरी, मल्लिकार्जुन देवड़ा, तेजस्वी सूर्या और पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू समेत कई लोग शामिल हैं. यह दल वैश्विक समुदाय को भारत की आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति से अवगत कराएगा. 

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