China K Visa: अमेरिका द्वारा H1B वीजा पर लगाए गए 1 लाख डॉलर की वजह से वहां काम कर रहे विदेशी लोगों के बीच हड़कंप मच गया. वहीं दूसरी ओर चीन ने इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश की है. चीन ने रविवार को दुनिया भर से युवा और प्रतिभाशाली पेशेवरों, खासकर विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र के लोगों को आकर्षित करने के उद्देश्य से एक नई 'K वीज़ा' श्रेणी शुरू करने की घोषणा की है.
चीन के इस घोषणा से विदेशियों के प्रवेश और निकास के नियमों में बदलाव आने वाला है. चीन द्वारा इसे अगस्त में ही स्वीकृत कर लिया गया था लेकिन इसे 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा. अमेरिका द्वारा H1B वीजा के नियमों में किए गए संसोधन के बाद चीन उन उच्च कुशल प्रतिभाओं को आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है, जो की अपने काम के लिए अमेरिका पर निर्भर करते हैं.
अमेरिका द्वारा H-1B आवेदनों पर 100,000 अमेरिकी डॉलर के शुल्क की वजह आईटी कंपनियों में काम करने वाले लोग दूसरे ऑप्शन की तलाश में है. ऐसे में चीन द्वारा 'K वीज़ा' का विकल्प तकनीकी कर्मचारियों के लिए एक नए उपाय के रूप में देखा जा रहा है. चीनी न्याय मंत्रालय के अनुसार, K वीजा उन विदेशी 'युवा वैज्ञानिक और तकनीकी प्रतिभाओं' के लिए उपलब्ध होगा, जिन्होंने चीन या विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों या शोध संस्थानों से STEM क्षेत्रों में स्नातक या उच्चतर डिग्री प्राप्त की हो. इस वीजा का लाभ ऐसे संस्थानों में शिक्षण या शोध में लगे युवा पेशेवरों के लिए भी उपलब्ध होगा. आवेदकों को चीनी अधिकारियों द्वारा निर्धारित योग्यताएं और आवश्यकताएं पूरी करनी होंगी. इसके लिए सहायक दस्तावेज प्रदान करने होंगे.
चीन में अभी के समय में 12 सामान्य वीजा श्रेणी सुविधा है. हालांकि इसकी तुलना में K वीजा महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा. इस वीजा की मदद से लंबे समय के प्रवासियों को मदद मिलने की उम्मीद है. इस वीजा के आवेदकों को किसी घरेलू नियोक्ता या संस्था द्वारा आमंत्रण जारी करने की आवश्यकता नहीं होगी. इसकी वजह से प्रक्रिया में कम परेशानी होगी. इस वीजा की मदद से चीन में प्रवेश करने के बाद वीजा धारक कई क्षेत्र में शैक्षणिक आदान-प्रदान में भाग लेने की अनुमति मिलती है. चीन ने पिछले कुछ सालों में धीरे-धीरे प्रवेश नियमों में ढील दी है. इतना ही नहीं वीजा मुक्त पहुंच का भी विस्तार किया है और लंबी वीजा फ्री पारगमन अवधि शुरू की है. जानकारों का कहना है कि चीन का यह निर्णय उन कुशल कर्मचारियों के लिए एक नया रास्ता खोल सकता है जो बिना किसी अत्यधिक लागत या लंबी प्रक्रिया के विदेश में अवसरों की तलाश कर रहे हैं.