अमेरिका के सबसे बड़े शहर और वित्तीय केंद्र न्यूयॉर्क में मेयर चुनाव के नतीजे आ गए हैं. डेमोक्रेट उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने शानदार जीत दर्ज की है. वे 1 जनवरी 2026 को शपथ लेंगे. यह जीत सिर्फ एक चुनावी सफलता नहीं है बल्कि अमेरिकी राजनीति में एक नया अध्याय है.
ममदानी पहले मुस्लिम पहले भारतीय मूल के मेयर बनेंगे, उनकी उम्र मात्र 34 साल है. इससे वे एक सदी से ज्यादा समय में शहर के सबसे युवा मेयर भी साबित होंगे. चुनाव में तीन मुख्य उम्मीदवार मैदान में थे.
चुनाव बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि 20 लाख से ज्यादा न्यूयॉर्कवासी मतदान के लिए पहुंचे. यह 1969 के बाद मेयर चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान है. शहर के पांचों बोरों में मतदाताओं ने जोरदार भागीदारी की. प्रारंभिक आंकड़ों में ममदानी को स्पष्ट बहुमत मिला. मतगणना रात भर चली और सुबह तक नतीजे साफ हो गए. ममदानी की जीत डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रगतिशील हिस्से के लिए मील का पत्थर है.
राष्ट्रीय स्तर पर डेमोक्रेट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से निपटने के तरीकों पर बंटे हुए हैं. ऐसे में ममदानी का उभार प्रगतिशील विचारों को मजबूती देता है. उनका अभियान मजदूर वर्ग के मुद्दों पर केंद्रित था. वे रहने की बढ़ती लागत और पुरानी व्यवस्था से तंग लोगों की आवाज बने. सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता ने युवाओं को जोड़ा. ममदानी ने किफायती आवास मुफ्त बस सेवा और शिक्षा पर जोर दिया.
शहर के काले और भूरे रंग की समुदायों ने उनका खुलकर साथ दिया. एक मतदाता ने कहा कि यह जीत सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं बल्कि शहर को फिर से किफायती बनाने की सोच की जीत है. खासकर काले और भूरे समुदायों के लिए. ममदानी ने अपनी मुस्लिम पहचान को गर्व से अपनाया. उन्होंने गाजा के समर्थन में आवाज उठाई और अप्रवासियों के अधिकारों की बात की. यह स्पष्ट संदेश ने उन्हें अलग बनाया. अभियान के दौरान ममदानी को रिपब्लिकनों की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी. ट्रंप ने उन्हें कम्युनिस्ट कहा. उन्होंने धमकी दी कि अगर ममदानी जीत गए तो संघीय धन रोक देंगे. ट्रंप ने कहा कि न्यूयॉर्क पर कब्जा कर लेंगे.