Breakfast: नाश्ता दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन है. यह आपके शरीर को ऊर्जा देता है. सुबह का भोजन मेटाबोलिज्म को शुरू करता है. यह सिरदर्द, पाचन समस्याओं और भूख की लालसा को रोकता है. लेकिन कई लोग नाश्ता छोड़ देते हैं. समय की कमी या खाना बनाने की अनिच्छा इसके कारण हो सकते हैं. नाश्ता न करने से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं.
नाश्ता न केवल भूख मिटाता है, बल्कि स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है. इसमें प्रोटीन, फाइबर और स्वस्थ वसा शामिल करने चाहिए. दलिया, फल, अंडे या दही जैसे विकल्प अच्छे हैं. समय की कमी में भी हल्का नाश्ता फायदेमंद है.
नाश्ता छोड़ने के कारण मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है. रात भर भूखे रहने के बाद शरीर को ऊर्जा चाहिए. बिना नाश्ते के, शरीर ऊर्जा बचाने के लिए मेटाबोलिक प्रक्रियाएं धीमी कर देता है. इससे कैलोरी जलाने की गति कम हो जाती है. वजन नियंत्रण में भी दिक्कत आती है. नियमित नाश्ता मेटाबोलिज्म को सक्रिय रखता है.
नाश्ता नहीं करने से पूरे दिन भूख महसूस होती है. दोपहर या रात के खाने में आप ज्यादा खा सकते हैं. चीनी और वसा युक्त भोजन की लालसा बढ़ जाती है. इससे अस्वस्थ वजन बढ़ने का खतरा होता है. नियमित नाश्ता भूख को नियंत्रित करता है. यह स्वस्थ खानपान की आदत बनाए रखता है.
नाश्ता मस्तिष्क और शरीर के लिए ग्लूकोज का स्रोत है. यह ऊर्जा और एकाग्रता के लिए जरूरी है. बिना नाश्ते के आप सुस्त महसूस करते हैं. ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है. कामकाज और पढ़ाई में दिक्कत आती है. सुबह का भोजन दिमाग को सक्रिय रखता है. यह दिनभर की गतिविधियों के लिए ऊर्जा देता है.
नाश्ता न करने से रक्त शर्करा का स्तर अस्थिर हो सकता है. इससे चिड़चिड़ापन, चिंता या मूड खराब होने की समस्या हो सकती है. सुबह का भोजन सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को नियंत्रित करता है. यह मूड को स्थिर रखता है. नियमित नाश्ता मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.
नाश्ता छोड़ना रक्त शर्करा के स्तर को बिगाड़ सकता है. यह इंसुलिन संवेदनशीलता को प्रभावित करता है. मधुमेह या इंसुलिन प्रतिरोध के खतरे वाले लोगों के लिए यह खतरनाक है. नियमित नाश्ता रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है.