Valley Of Flowers Uttarakhand:उत्तराखंड की फूलों की घाटी 1 जून 2025 से पर्यटकों के लिए खुल गई है. यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल 31 अक्टूबर तक खुला रहेगा. चमोली जिले में बसी यह घाटी हर साल मानसून में रंग-बिरंगे फूलों से सज जाती है. प्रकृति प्रेमी और ट्रेकर्स के लिए यह स्वर्ग जैसा है. ठंडी हवा और शांत परिदृश्य इसे खास बनाते हैं.
फूलों की घाटी में 600 से ज्यादा अल्पाइन फूलों की प्रजातियां खिलती हैं. जुलाई से सितंबर तक यह घाटी रंगों का उत्सव बन जाती है. यह शुरुआती ट्रेकर्स के लिए भी आसान है. हेमकुंड साहिब, एक पवित्र सिख तीर्थ स्थल, यहां की शोभा बढ़ाता है. इस क्षेत्र में कोई दुकान, होटल या वाहन नहीं हैं. यह शांति और प्रकृति का अनूठा अनुभव देता है.
फूलों की घाटी तक पहुंचने के कई रास्ते हैं. निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट (देहरादून) है, जो गोविंदघाट से 295 किमी दूर है. यहाँ से टैक्सी और बसें उपलब्ध हैं. निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो गोविंदघाट से 270 किमी दूर है. सड़क मार्ग से गोविंदघाट ट्रेक का शुरुआती बिंदु है. गोविंदघाट से पुलना तक 4 किमी की ड्राइव है. फिर पुलना से घांघरिया तक 10 किमी का ट्रेक है. उसके बाद भी कुछ दूर तक पैदल जाना पड़ता है. घाटी में रात भर रुकने की अनुमति नहीं है. उसी दिन वापसी की योजना बनाएं. प्रवेश सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक है. जुलाई के मध्य से सितंबर की शुरुआत तक का समय सबसे अच्छा है. इस दौरान फूलों की खूबसूरती चरम पर होती है. परमिट के लिए वैध सरकारी आईडी जरूरी है.
भारतीय नागरिकों के लिए 3 दिन का पास 150 रुपये का है. अतिरिक्त दिन के लिए 50 रुपये देने होंगे. विदेशी नागरिकों के लिए 3 दिन का पास 600 रुपये और अतिरिक्त दिन के लिए 250 रुपये है. कुली, खच्चर या हेलीकॉप्टर की सवारी की लागत अलग होगी. फूलों की घाटी अपनी जैव विविधता के लिए मशहूर है. यहाँ का शांत वातावरण मन को सुकून देता है. ट्रेकिंग के दौरान हिमालयी नजारे और हेमकुंड साहिब की झील पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. यह घाटी प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अनमोल अनुभव है.