Agni-5 Missile: भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को और मजबूत करते हुए मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया. इस परीक्षण को ओडिशा के चांदीपुर में स्थित एक परीक्षण रेंज में किया गया. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सामरिक बल कमान की निगरानी में हुआ यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा. परिक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी स्टैंडर्ड को पूरा किया.
अग्नि-5 एक शक्तिशाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. यह मिसाइल लगभग 5 हजार किलोमीटर तक जा सकती है. इस मिसाइल से परमाणु हथियार भी ले जाया जा सकता है. इसकी उन्नत मार्गदर्शन प्रणाली इसे उच्च सटीकता प्रदान करती है. तीन-चरणीय ठोस-ईंधन रॉकेट से लैस यह मिसाइल मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपित की जा सकती है. यह सुविधा इसे अधिक गतिशील और त्वरित बनाती है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अग्नि-5 उत्तरी चीन, पूरे एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों को कवर कर सकती है. यह भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
भारत का मिसाइल कार्यक्रम विश्व स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है. अग्नि श्रृंखला में अग्नि-1 से अग्नि-4 तक की मिसाइलें शामिल हैं, जिसकी क्षमता 700 से 3,500 किलोमीटर के बीच में है. ये सभी मिसाइलें पहले से ही सैन्य बल में तैनात हैं. इसके अलावा पृथ्वी-II, अग्नि-I और नई सामरिक मिसाइल प्रलय का भी परीक्षण किया गया. पृथ्वी II 350 किलोमीटर तक 500 किलो का पेलोड ले जा सकती है. वहीं, अग्नि-I 900 किलोमीटर तक एक हजार किलो का पेलोड ले जाने में सक्षम है.
अग्नि-5 का यह परीक्षण भारत की रक्षा नीति के लिए महत्वपूर्ण है. यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है, जब पाकिस्तान के साथ सैन्य तनाव को साढ़े तीन महीने बीत चुके हैं. पिछले साल मार्च में किए गए अग्नि-5 के परीक्षण के बाद यह दूसरा सफल परीक्षण है. यह मिसाइल भारत को क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर मजबूत स्थिति प्रदान करती है. इसका कवरेज क्षेत्र उत्तरी चीन और यूरोप के कुछ हिस्सों तक फैला है, जो इसे रणनीतिक रूप से और भी महत्वपूर्ण बनाता है. अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है. यह देश की आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में प्रगति का प्रतीक है. विशेषज्ञों का मानना है कि अग्नि-5 भारत की सामरिक शक्ति को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी. यह मिसाइल न केवल भारत की सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि वैश्विक मंच पर देश की स्थिति को भी सुदृढ़ करती है.