Nitish Kumar: बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव तय हो गया है. विधानसभा चुनाव के बाद जदयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया है. इसके साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ रिकॉर्ड दसवीं बार लेने जा रहे हैं. जदयू के इस फैसले ने एनडीए गठबंधन के भीतर उनकी नेतृत्व क्षमता और मजबूत पकड़ को एक बार फिर साबित कर दिया है.
जदयू में सर्वसम्मति से नीतीश कुमार नेता चुने गए
पटना में हुई जदयू विधायक दल की बैठक में वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन विजेंद्र यादव ने किया. प्रस्ताव पर सहमति बनने के बाद सभी विधायकों ने एक स्वर में नीतीश कुमार को अपना नेता स्वीकार कर लिया. इस बैठक से पहले ही संकेत साफ थे कि जदयू नीतीश कुमार की अगुवाई में ही नई सरकार बनाने का दावा पेश करेगा. बैठक खत्म होते ही नीतीश कुमार ने एनडीए की अगली प्रक्रिया का हिस्सा बनने की तैयारी कर ली.
बीजेपी ने सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा पर जताया भरोसा
उधर, पटना में आयोजित भाजपा विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक केपी मौर्य की मौजूदगी में अहम फैसले लिए गए. भाजपा विधायक दल ने एक बार फिर अपने पुराने नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए सम्राट चौधरी को नेता और विजय कुमार सिन्हा को उपनेता चुना. इन दोनों नेताओं का डिप्टी सीएम के रूप में चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है. इससे पहले नीतीश कुमार की पिछली सरकार में भी दोनों नेता उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. भाजपा का यह फैसला दर्शाता है कि पार्टी स्थिर और अनुभवी नेतृत्व के साथ आगे बढ़ना चाहती है.
रिकॉर्ड दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने की तैयारी
चुनाव में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 243 में से 202 सीटों पर जीत हासिल की. इसमें भाजपा को 89 और जदयू को 85 सीटें मिलीं. इस प्रचंड बहुमत के बाद नीतीश कुमार का एक बार फिर मुख्यमंत्री बनना तय हो गया है और यह बिहार की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण होगा.
नीतीश कुमार अब तक नौ बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और यह शपथ उनका दसवां कार्यकाल दर्ज करेगा, जो किसी भी राज्य की राजनीति में दुर्लभ उपलब्धि है.
एनडीए की औपचारिक बैठक और शपथ ग्रहण आज
दोपहर करीब 3:30 बजे एनडीए की औपचारिक बैठक होगी, जिसमें नीतीश कुमार को गठबंधन का नेता चुना जाएगा. इसके बाद वह राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को अपना इस्तीफा सौंपेंगे और नई सरकार के गठन का दावा पेश करेंगे. मौजूदा विधानसभा को आज ही भंग कर दिया जाएगा. शाम को पटना के गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होने की संभावना है. राजधानी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. नई सरकार में कई नए और पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद है, जिससे बिहार के शासन में निरंतरता और नई दिशा दोनों की झलक मिलेगी.