Ambala News: 2 अगस्त को मनाया जाएगा छड़ियों का मेला, क्या है इसकी मान्यता

Ambala News: दलीपगढ़ में प्राचीन गद्दी शमशेर नाथ गोगा मंदिर परिसर में दो अगस्त को छड़ियों के मेले का आयोजन किया जाएगा. पूर्णिमा के दिन सुबह से ही 11 झंडे के चढ़ाए जाने की पुरानी परंपरा है. इस मेले में गोगा जाहरवीर साहिब की कथा और भजन का प्रवधान है. शाम 4 बजे हलवे की […]

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Ambala News: दलीपगढ़ में प्राचीन गद्दी शमशेर नाथ गोगा मंदिर परिसर में दो अगस्त को छड़ियों के मेले का आयोजन किया जाएगा. पूर्णिमा के दिन सुबह से ही 11 झंडे के चढ़ाए जाने की पुरानी परंपरा है. इस मेले में गोगा जाहरवीर साहिब की कथा और भजन का प्रवधान है. शाम 4 बजे हलवे की कढ़ाई बनाकर मेले का समापन किया जाता है. संतों का कहना है कि कई सालों से लोगों की आस्था रही है, गोगा मंदिर के ऊपर. वहीं इसके अगले दिन प्रतिपदा मेले को मनाया जाता है.

हजारों की संख्या में लोगों की भीड़

इस साल श्रवण का महीना अधिक होने की वजह से भ्रांतियां पैदा हो गई है. इस वजह से आम जनमानस को जानकरी दी जा रही है कि गोगा मंदिर बब्याल दलीपगढ़ में 2 अगस्त को छड़ियों का मेला लगने वाला है. उनका कहना है कि हर वर्ष मेले के दौरान हजारों की भीड़ लगती है. लोग माथा टेकने जाहरवीर साहिब के आगे आते हैं, और अपनी मन्नतें मांगते हैं. वहीं जब उनकी मन्नतें पूरी होती है तो यहां आकर भंडारे का आयोजन कर चादर चढ़ाते हैं.

1965 में बागड़ लाया गया था ज्योत

योगी शमशेर नाथ बागड़ से ज्योत लाए थे साल 1965 ईसा पूर्व. यह आज भी अखंड ज्योत की तरह चांदी के दिये में जल रही है. वहीं नवरात्र के छठे दिन दो बसें बागड़ राजस्थान के लिए यात्रा पर निकाली जाती है. गोरखनाथ की मूर्ति,समाधि नगर खेड़ा, शिव परिवार,गोगा मंदिर में स्थापित है. यहां लगी हर प्रतिमा जयपुर से लाई गई है.

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