Parliament Security Breach: भारत के सबसे सुरक्षित सरकारी परिसरों में एक संसद भवन में शुक्रवार को एक बार फिर सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई. सुबह करीब 6:30 बजे एक अज्ञात व्यक्ति रेल भवन के पास पेड़ की मदद से दीवार फांदकर संसद परिसर में घुस गया. यह घटना मानसून सत्र खत्म होने के ठीक एक दिन बाद हुई. इस घुसपैठ ने संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
घुसपैठिया नवनिर्मित संसद भवन के गरुड़ द्वार तक पहुंच गया. सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई की और उसे हिरासत में ले लिया. अभी उसकी पहचान और मकसद का पता लगाने के लिए पूछताछ चल रही है. अधिकारियों को यह भी जानना है कि वह कई स्तरों की सुरक्षा को भेदकर कैसे अंदर घुसा. सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू हो गई है ताकि निगरानी में किसी कमी का पता लगाया जा सके.
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, 21 जुलाई से शुरू हुआ मानसून सत्र गुरुवार को खत्म हुआ. इस दौरान 21 बैठकें हुईं, लेकिन केवल 37 घंटे और 7 मिनट तक विधायी कार्य हो सका. सत्र खत्म होने के तुरंत बाद यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करती है. यह पहली बार नहीं है जब संसद की सुरक्षा में सेंध लगी हो. पिछले साल एक 20 वर्षीय युवक दीवार फांदकर एनेक्सी भवन परिसर में घुस गया था. सीआईएसएफ कर्मियों ने उसे पकड़ा, लेकिन तलाशी में कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली. वहीं, 2023 में एक और सनसनीखेज घटना में, सागर शर्मा और मनोरंजन डी नाम के दो लोग दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए. उन्होंने पीला धुआं छोड़ा और नारे लगाए. सांसदों और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत काबू कर लिया.
संसद में शुक्रवार की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था को फिर कठघरे में खड़ा किया है. दो साल से कम समय में बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल में खामियां हैं. अधिकारियों ने व्यापक जाँच शुरू की है ताकि कमियों को दूर किया जा सके. यह घटना संसद की सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत को दर्शाती है. अधिकारियों को न केवल सीसीटीवी और निगरानी तंत्र को बेहतर करना होगा, बल्कि सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और प्रतिक्रिया समय को भी सुधारना होगा. देश के शीर्ष विधायी संस्थान की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए.