तेजस्वी यादव का एग्जिट पोल पर हमला, वोटिंग खत्म होने से पहले आ गए आंकड़े

तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल को पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि ये पोल मतदान खत्म होने से पहले ही आए और सिर्फ दबाव बनाने के लिए हैं. एनडीए को बढ़त दिखाने वाले पोल पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सैंपल साइज की जानकारी न देने का आरोप लगाया.

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राजद नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल को सिरे से खारिज कर दिया. अधिकांश पोल में एनडीए को स्पष्ट बढ़त मिली है. कई सर्वे में महागठबंधन की सरकार बनने की संभावना कम बताई गई है. लेकिन तेजस्वी ने कहा कि वह न झूठी उम्मीद में जीते हैं और न गलतफहमी में.

तेजस्वी यादव ने दावा किया कि मतदान अभी चल रहा था तब एग्जिट पोल आने लगे. लोग शाम छह सात बजे तक कतार में खड़े रहे. धैर्य से वोट डालते रहे. लेकिन पोल में भाजपा जदयू गठबंधन की जीत दिखाई गई.

पोल की विश्वसनीयता पर सवाल

राजद नेता ने कहा कि कल मतदान के दौरान लोग लंबी कतारों में खड़े रहे, शाम छह-सात बजे तक भी. लोग धैर्यपूर्वक वोट डालने का इंतज़ार करते रहे और जब मतदान अभी चल ही रहा था, एग्जिट पोल सामने आने लगे. हम न तो झूठे आशावाद में जीते हैं और न ही गलतफहमी में. ये सर्वेक्षण केवल मनोवैज्ञानिक प्रभाव पैदा करने और चुनाव प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए किए जाते हैं. तेजस्वी ने पोल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. सैंपल साइज और मानदंड सार्वजनिक नहीं किए गए. पूछने पर कोई जवाब नहीं देता. इससे पोल की सच्चाई पर शक होता है.

क्या कहते हैं एग्जिट पोल के अनुमान?

बिहार चुनाव 2025 के एग्जिट पोल में एनडीए को मजबूत स्थिति दिखाई गई है. मैट्रिज़ पोल में एनडीए को 147 से 167 सीटें. महागठबंधन को 70 से 90. जन सुराज को शून्य से दो सीटें. पीपुल्स पल्स ने एनडीए को 133 से 159 सीटें बताई. महागठबंधन को 75 से 101. प्रशांत किशोर की जन सुराज को शून्य से पांच सीटें. ये अनुमान राज्य के अलग अलग क्षेत्रों से चुने गए मतदाताओं के सर्वे पर आधारित हैं. मतदान केंद्र से बाहर निकलते समय साक्षात्कार लिए जाते हैं. एग्जिट पोल हर बार सही साबित नहीं होते. अतीत में कई बार गलत निकले हैं. वास्तविक नतीजे अलग आते हैं. इसलिए इन पर पूरा भरोसा नहीं करना चाहिए. बिहार में भी ऐसा हो सकता है. चुनाव की मतगणना शुक्रवार 14 नवंबर को होगी. तब साफ हो जाएगा कि कौन जीता. एनडीए की बढ़त बरकरार रहेगी या महागठबंधन पलटवार करेगा. जन सुराज का प्रदर्शन क्या होगा. सभी की नजरें मतगणना पर टिकी हैं. 

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