वोटों की गिनती शुरू, तेजस्वी का दावा महागठबंधन की बंपर जीत पक्की, क्या है नीतीश की राय?

बिहार विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया कि महागठबंधन स्पष्ट बहुमत से जीतेगा. लोग जाति धर्म से ऊपर उठकर बदलाव के लिए वोट दे रहे हैं. भाकपा माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने निष्पक्ष मतगणना की मांग की. मतगणना शुक्रवार को शुरू होगी.

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Courtesy: X (@yadavtejashwi)

बिहार में विधानसभा चुनाव की मतगणना शुरू होने से पहले राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि महागठबंधन 2025 का चुनाव स्पष्ट बहुमत से जीतेगा. वहीं नीतीश कुमार ने भी एक बार फिर से वापसी का दावा किया है. 

राज्य की जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया है. यह बात उन्होंने शुक्रवार को मतगणना से एक दिन पहले कही. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी और भाकपा माले के नेता दीपांकर भट्टाचार्य भी थे. तेजस्वी ने लोगों की भागीदारी पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि इस बार जाति और धर्म से ऊपर उठकर मतदान हुआ है.

तेजस्वी यादव का प्रेस कॉन्फ्रेंस

तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आत्मविश्वास दिखाया. उन्होंने कहा हमें पूरा विश्वास है कि हम स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाएंगे. इस चुनाव में 2020 की तुलना में 80 लाख से ज़्यादा मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. समाज के सभी वर्गों के लोगों ने चाहे उनकी जाति या धर्म कुछ भी हो महागठबंधन के पक्ष में भारी मतदान किया है. लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया है और हमें पूरा विश्वास है कि हम यह चुनाव जीत रहे हैं. यह शब्द उन्होंने सीधे मीडिया के सामने बोले. इससे महागठबंधन के कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ गया है. तेजस्वी ने मतदाताओं की बढ़ती संख्या को जीत का आधार बताया. उन्होंने कहा कि यह रिकॉर्ड मतदान बदलाव की चाहत दिखाता है.

दीपांकर भट्टाचार्य की चेतावनी

भाकपा माले के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने मतगणना पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा निष्पक्ष मतगणना की उम्मीद है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने महागठबंधन की तैयारियों का जिक्र किया. दीपांकर ने कहा कि नेता सतर्क हैं और मतगणना सही तरीके से होनी चाहिए. उन्होंने चुनाव आयोग से पारदर्शी प्रक्रिया की मांग की. उनके शब्द थे इस बार का चुनाव हमने एक बाधा दौड़ जैसा देखा. इस बार हमने देखा कि जिन लोगों ने मतदाता सूची में अपना नाम बचा लिया था वे सभी मतदान करने आए. एक और बाधा यह है कि मतगणना ठीक से न हो. जो जनादेश आया है उसे आने दें. हमारे सभी संगठनों ने आपस में बात की है. हमारे सभी कार्यकर्ता तैयार हैं. सतर्कता के साथ लोग पूरे दिन मतगणना केंद्रों पर रहेंगे. चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतगणना स्वच्छ और निष्पक्ष तरीके से हो. इससे साफ है कि महागठबंधन किसी गड़बड़ी से बचना चाहता है.

रिकॉर्ड तोड़ मतदान की कहानी

बिहार में इस बार मतदान ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए. चुनाव दो चरणों में 6 नवंबर और 11 नवंबर को हुए. कुल 67.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. यह आंकड़ा पिछले चुनावों से काफी ज्यादा है. कुल 7.45 करोड़ मतदाता थे. इनमें से अधिकांश ने वोट डाला. चुनाव में 2,616 उम्मीदवार मैदान में थे. इनके भाग्य का फैसला मतदाता करेंगे. मतदान की यह ऊंची दर राज्य में बदलाव की भावना को दर्शाती है. सभी पार्टियां इसे अपने पक्ष में देख रही हैं. लेकिन महागठबंधन इसे अपनी जीत का संकेत मान रहा है. आज बस थोड़ी देर में मतगणना शुरू होने वाली है. 

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