Naxal Attack in Bijapur: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान सोमवार को एक दुखद घटना घटी. जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान दिनेश नाग की इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में मौत हो गई. उनके अलावा इस हादसे में तीन अन्य जवान घायल हो गए. यह विस्फोट इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सुबह उस समय हुआ, जब डीआरजी की टीम नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि घायल जवानों को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया. उन्हें जंगल से बाहर निकाला जा रहा है और उनकी हालत स्थिर है. नक्सलियों द्वारा आईईडी का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में आम है. ये विस्फोटक स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए लगाए जाते हैं.
बीजापुर में रविवार को शुरू हुए इस अभियान के दौरान नक्सलियों ने फिर से आईईडी का सहारा लिया. सोमवार की घटना में डीआरजी जवान दिनेश नाग इसकी चपेट में आ गए. पुलिस ने क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है ताकि ऐसे और खतरे रोके जा सकें. यह पहली बार नहीं है जब बीजापुर में डीआरजी के जवान नक्सलियों के आईईडी का शिकार बने हैं. बीते गुरुवार को भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में एक अन्य अभियान के दौरान डीआरजी के सब-इंस्पेक्टर प्रकाश चट्टी घायल हो गए थे. वे एक प्रेशर-एक्टिवेटेड आईईडी पर पैर रख बैठे, जिससे उनके दाहिने टखने में चोट आई. उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया. उनकी हालत अब स्थिर है. इस अभियान में डीआरजी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की संयुक्त टीम शामिल थी.
नक्सली हमले छत्तीसगढ़ के लिए नई चुनौती नहीं हैं. 9 जून को पड़ोसी सुकमा जिले में एक पत्थर खदान में आईईडी विस्फोट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाश राव गिरेपुंजे शहीद हो गए थे. इस घटना में दो अन्य अधिकारी भी घायल हुए थे. नक्सली अक्सर जंगल और ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के विस्फोटक लगाकर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बल नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं. बीजापुर और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन और गश्त बढ़ा दी गई है. पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं. साथ ही, घायल जवानों के बेहतर इलाज और शहीद जवान के परिवार को सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों का बलिदान जारी है. इन हमलों से निपटने के लिए रणनीति को और मजबूत करने की जरूरत है.