उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों में वंदे मातरम गीत गाना जरूरी होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यह घोषणा की. यह फैसला राष्ट्रीय गीत को लेकर हो रहे राजनीतिक विवाद के समय लिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह कहा था कि 1937 में गीत के कुछ अहम हिस्से हटा दिए गए थे. इससे देश में विभाजन की नींव पड़ी. गोरखपुर में एकता यात्रा कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह कदम लोगों में मातृभूमि के प्रति सम्मान बढ़ाएगा. इससे भारत माता के लिए गौरव की भावना जागेगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए. हम उत्तर प्रदेश के हर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान में इसका गायन अनिवार्य करेंगे. यह घोषणा ऐसे समय आई जब वंदे मातरम पर बहस तेज है. योगी सरकार का मानना है कि इससे छात्रों में देशभक्ति बढ़ेगी. राज्य में हजारों स्कूल और कॉलेज हैं. अब इन सब जगह सुबह या विशेष अवसरों पर यह गीत गाया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर कार्यक्रम शुरू किया. उन्होंने कहा कि 1937 में गीत के कुछ छंद हटाए गए. इससे विभाजन की सोच को बल मिला. उन्होंने इसे आज भी देश की चुनौती बताया.
कांग्रेस पार्टी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई. पार्टी ने शुक्रवार को मोदी से माफी मांगने को कहा. कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री ने 1937 की कांग्रेस कार्यसमिति का अपमान किया. उस समिति ने गीत पर बयान जारी किया था. इसमें रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह शामिल थी. कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने रविवार को एक्स पर पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक 26 अक्टूबर से 1 नवंबर, 1937 तक कोलकाता में हुई थी. इसमें महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, सरोजिनी नायडू, जे बी कृपलानी, भूलाभाई देसाई, जमनालाल बजाज, नरेंद्र देव और अन्य लोग शामिल थे. रमेश ने आगे कहा कि महात्मा गांधी के कार्यों के खंड 66 में यह बयान है. यह टैगोर की सलाह से प्रभावित था.