दिल्ली ब्लास्ट केस: डॉक्टर उमर की ‘ब्लास्टर मास्टर प्लान’ पर बड़ा खुलासा, पार्किंग में बैठकर रची थी हमले की साजिश

दिल्ली में हुए आतंकवादी विस्फोट की जांच में रोज़ाना चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. अब मामला हरियाणा और कश्मीर की सीमाओं से निकलकर पंजाब तक पहुंच गया है, जहां सुरक्षा एजेंसियों ने एक और बड़े संदिग्ध को दबोचा है.

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दिल्ली में हुए आतंकवादी विस्फोट की जांच में रोज़ाना चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. अब मामला हरियाणा और कश्मीर की सीमाओं से निकलकर पंजाब तक पहुंच गया है, जहां सुरक्षा एजेंसियों ने एक और बड़े संदिग्ध को दबोचा है. यह गिरफ्तारी पठानकोट के एक निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से की गई है, जिसने जांच के दायरे को और व्यापक बना दिया है.

सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों ने डॉक्टर रियाज़ अहमद नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया है. शुरुआती जांच में पता चला है कि रियाज़ वर्ष 2020 से 2021 के बीच फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत था. इसी दौरान उसका संपर्क कई डॉक्टरों और संदिग्ध नेटवर्क से बना. बताया जा रहा है कि वह दिल्ली ब्लास्ट के मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर मोहम्मद के लगातार संपर्क में था. एजेंसियां अब रियाज़ से गहन पूछताछ कर यह जानने का प्रयास कर रही हैं कि उसका इस पूरी साजिश में कितना योगदान था.

दो किलो से अधिक अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल

जांच की सबसे बड़ी परत तब खुली जब फॉरेंसिक टीम ने I-20 कार के बचे हुए हिस्सों से महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए. करीब 60 प्रतिशत बचे एक्ज़िबिट के विश्लेषण में सामने आया कि विस्फोट में 2 किलो से भी ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किया गया था. सूत्रों के अनुसर, यह विस्फोटक मिश्रण बेहद शक्तिशाली था और इसे तैयार करने में मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर पूरी तरह माहिर था.

टीम को मौके से पतले तार मिले हैं, जिनका इस्तेमाल डेटोनेशन के लिए किया गया था. इसके अलावा, जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि मिश्रण में पेट्रोलियम ऑइल का भी उपयोग हुआ था, जिससे विस्फोट की तीव्रता कई गुना बढ़ जाती है. डेटोनेटिंग सामग्री आम तौर पर खनन क्षेत्र में इस्तेमाल होती है, जिससे साफ है कि इस हमले की योजना पूरी तकनीकी समझ के साथ बनाई गई थी.

5 से 10 मिनट में तैयार किया विस्फोटक?

फॉरेंसिक टीम को मिले 52 से अधिक सैंपल्स का विश्लेषण बेहद चौंकाने वाला है. इनसे अंदेशा है कि डॉक्टर उमर ने अमोनियम नाइट्रेट, पेट्रोलियम ऑइल और डेटोनेटिंग मटेरियल को मिलाकर मात्र 5 से 10 मिनट में विस्फोटक तैयार कर लिया था. एजेंसियां यह मान रही हैं कि उमर ने पार्किंग में बैठकर ही पूरा बम तैयार किया और तुरंत वारदात को अंजाम दे दिया.

जांच अधिकारी इस बात को लेकर भी हैरान हैं कि इतने कम समय में इतनी सटीकता के साथ विस्फोटक तैयार करना किसी प्रशिक्षित व्यक्ति के बस की ही बात हो सकती है. यही वजह है कि डॉक्टर उमर को ‘टेक्निकल एक्सपर्ट’ के रूप में देखा जा रहा है. दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच अब और गहराती जा रही है. पंजाब में हुई ताज़ा गिरफ्तारी से उम्मीद है कि इस साजिश का असली नेटवर्क जल्द सामने आएगा.

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