लाल किला धमाके का खुला रहस्य, डॉक्टर उमर नबी चला रहे थे i20 कार

दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर को एक कार धमाके ने पूरे शहर को हिला दिया. इस घटना में 12 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा घायल हुए. जांच में पता चला कि कार को डॉक्टर उमर नबी चला रहा था . वह जैश ए मोहम्मद का सदस्य था. डीएनए टेस्ट से उसकी पहचान हुई.

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Courtesy: X (@Crypto_Jargon)

दिल्ली के लाल किले के पास जोरदार धमाके ने राजधानी को दहला दिया. एक सफेद हुंडई आई20 कार में विस्फोट होने से आसपास के इलाके में अफरा तफरी मच गई. इस हादसे में 12 लोग मारे गए और 20 से अधिक लोग घायल हो गए. फोरेंसिक रिपोर्ट ने खुलासा किया कि कार डॉक्टर उमर नबी चला रहा था. वह पुलवामा का रहने वाला एक पढ़ा लिखा व्यक्ति था जो आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़ा हुआ था.

घटना वाली शाम करीब साढे छह बजे सुभाष मार्ग पर ट्रैफिक सिग्नल के पास कार रुकी और धमका हो गया. अंदर मौजूद विस्फोटक इतने शक्तिशाली थे कि धमाका होने पर आसपास की कई गाड़ियां जलकर राख हो गईं. चश्मदीदों ने बताया कि धुंआ का गुबार इतना घना था कि कुछ देर के लिए सड़क पर अंधेरा छा गया. घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया जहां कुछ की हालत गंभीर बनी रही. पुलिस ने तुरंत इलाके को घेर लिया और बम निष्क्रियकरण दलों को बुलाया.

विस्फोट से पहले घुमता रहा कार

सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि कार चालक कई घंटों से उसी जगह घूम रहा था. वह सुनहरी मस्जिद के पास पार्किंग में रुका रहा लेकिन अचानक सिग्नल पर पहुंच गया. धमाके के बाद कार के मलबे से एक पैर एक्सीलरेटर में फंसा मिला. यह देखकर जांचकर्ताओं को शक हुआ कि चालक ने खुद को उड़ा लिया था. शुरुआती जांच में विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट और अन्य सामग्री से बने पाए गए जो आतंकी हमलों में इस्तेमाल होते हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को फोरेंसिक रिपोर्ट आई. जिसमें डॉक्टर उमर की मां से लिए गए डीएनए नमूने विस्फोट स्थल से बरामद हड्डियों और दांतों से पूरी तरह मेल खा गए.

 NIA कर रही मामले की जांच

उमर नबी फरीदाबाद के अल फलाह मेडिकल कॉलेज में काम करता था. वह श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पास था. बाहर से सामान्य लगने वाला यह व्यक्ति गुप्त रूप से आतंकी गतिविधियों में लिप्त था. जांच में पता चला कि वह दो साल से फरीदाबाद में रहते हुए विस्फोटक इकट्ठा कर रहा था. पुलिस ने उसके घर से संदिग्ध सामग्री बरामद की.

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को एक विशेष टीम बनाई. यह टीम वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में काम करेगी. गृह मंत्रालय ने इसे आतंकी घटना मानते हुए एनआईए को सौंप दिया. प्रारंभिक निष्कर्षों से साफ है कि यह फरीदाबाद में पहले पकड़े गए एक चरमपंथी गुट से जुड़ा था. उस गुट में अल फलाह विश्वविद्यालय के लोग शामिल थे. जांचकर्ताओं का कहना है कि उमर घबराहट में जल्दबाजी से हमला कर बैठा. एनआईए ने अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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