Delhi Assembly Elections Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए डाले गए 9.5 मिलियन वोटों की गिनती शनिवार सुबह 8 बजे से शुरू होगी. इस चुनावी प्रक्रिया में 13,766 मतदान केंद्रों पर हुए मतदान के नतीजे सामने आएंगे. जिससे साल के पहले बड़े चुनावी मुकाबले की तस्वीर साफ हो जाएगी.
राष्ट्रीय राजधानी में 19 मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती होगी, जहां 698 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा. इस बार का विधानसभा चुनाव पिछले वर्षों के मुकाबले कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी माना जा रहा है. विशेष पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि हमने मतगणना के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं.
केवल अधिकृत कर्मियों को ही मतगणना केंद्रों में प्रवेश मिलेगा और मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. मतगणना प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए करीब 5,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. इस बीच राजनीतिक दलों के बीच बढ़ते तनाव के कारण चुनावी अनियमितताओं को लेकर कई आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिले.
लगभग सभी एग्जिट पोल संकेत दे रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) के गढ़ को चुनौती देकर सत्ता में वापसी कर सकती है. 2020 के विधानसभा चुनावों में AAP ने 62 सीटें और 53.5% वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी को 8 सीटें और 38.5% वोट मिले थे. कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली थी और उसका वोट शेयर सिर्फ 5% था. इस बार एग्जिट पोल अनुमान लगा रहे हैं कि बीजेपी 27 साल बाद राजधानी में बहुमत के करीब पहुंच सकती है. दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि लोग बदलाव और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चाहते हैं. 'आप' की सरकार जाने वाली है और बीजेपी दिल्ली में सत्ता में आने वाली है. हमारी जीत एग्जिट पोल के अनुमान से भी बड़ी होगी.
अगर चुनाव नतीजे एग्जिट पोल के मुताबिक रहे, तो यह AAP के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. पार्टी 2011 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उभरी थी, लेकिन हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार के कई आरोपों का सामना कर रही है, खासतौर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ. इस चुनाव में मतदाताओं के लिए कल्याण योजनाएं, भ्रष्टाचार, नागरिक सुविधाएं और कानून व्यवस्था प्रमुख मुद्दे बने रहे. दिल्ली में अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो यह 2024 के लोकसभा चुनावों में मिली सफलता की गति को बरकरार रखने में मदद करेगा. इसका असर राष्ट्रीय राजनीति पर भी देखने को मिलेगा, क्योंकि दिल्ली देश की राजनीतिक धारा को प्रभावित करने वाला केंद्र है. अब सबकी नजर मतगणना के अंतिम नतीजों पर है, जो यह तय करेंगे कि क्या दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता परिवर्तन होगा या फिर आम आदमी पार्टी अपनी पकड़ बनाए रखने में सफल होगी.