Durgapur Gangrape Case: पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने लोगों को झकझोर दिया है. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. यह घटना शुक्रवार रात की है, जिसने एक बार फिर राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं.
पुलिस के अनुसार ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली पीड़िता दुर्गापुर के शिवपुर इलाके में आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा है. शुक्रवार रात 8 से 8:30 बजे के बीच वह अपनी एक सहेली के साथ खाना खाने गई थी. इस दौरान कुछ लोग वहां पहुंचे, जहां पीड़िता की सहेली उसे छोड़कर चली गई. इसके बाद आरोपियों ने उसका फोन छीन लिया और उसे कॉलेज परिसर के बाहर एक जंगल में ले गए. वहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. आरोपियों ने पीड़िता से उसका फोन वापस करने के लिए पैसे भी मांगे. घटना के बाद पीड़िता ने पुलिस को सूचना दी, जिसके आधार पर त्वरित कार्रवाई शुरू हुई.
पश्चिम बंगाल पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू की. दुर्गापुर कमिश्नरेट के डीसी (पूर्व) अभिषेक गुप्ता ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है. हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है. एक फोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर सबूत इकट्ठा करने के लिए भेजा गया है. पुलिस ने पीड़िता के दोस्त से भी पूछताछ की है. गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है. पुलिस ने अभी उनकी पहचान उजागर नहीं की है. इस घटना ने पिछले साल कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई भयावह बलात्कार की घटना की यादें ताजा कर दीं. उस मामले में एक ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था.
दुर्गापुर की इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं. घटना के बाद पश्चिम बंगाल में सियासी हलचल तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पीड़िता के पिता से बात की और उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासन में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. अधिकारी ने कहा कि आरजी कर की घटना के बाद भी ऐसी वारदातें रुक नहीं रही हैं. सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.