दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट की जांच में तेजी ला दी है. इस घटना में बारह लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हो गए थे. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में आतंकी योजना की कई परतें खुल रही हैं. जांच एजेंसी को पता चला है कि यह साजिश काफी पहले से चल रही थी.
फरीदाबाद से चल रहे आतंकी मॉड्यूल के सदस्य डॉ. मुजम्मिल गनई को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ हुई. उन्होंने बताया कि वह और डॉ. उमर नबी ने जनवरी के पहले सप्ताह में लाल किले की टोह ली थी. डॉ. उमर नबी को डॉ. उमर मोहम्मद के नाम से भी जाना जाता है. दोनों ने मिलकर बड़ी साजिश रची थी. जांचकर्ताओं ने डॉ. मुजम्मिल के मोबाइल फोन से डेटा निकाला और इससे योजना की पुष्टि हुई.
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि आतंकी मॉड्यूल की शुरुआती योजना में गणतंत्र दिवस यानी छब्बीस जनवरी को लाल किले को निशाना बनाना शामिल था. सूत्रों के अनुसार मॉड्यूल दिवाली के दौरान भीड़ वाले जगहों पर हमला करने की तैयारी कर रहा था. यह जानकारी पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है. मॉड्यूल जैश ए मोहम्मद और अंसार गजवत उल हिंद से जुड़ा था. सोमवार की शाम व्यस्त समय में विस्फोट हुआ. इसके कुछ घंटे पहले ही पुलिस ने कश्मीर हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले मॉड्यूल का पर्दाफाश किया.
अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि शुरुआती जांच से लगता है विस्फोट दुर्घटनावश हुआ. मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद जल्दबाजी में विस्फोटक ले जाया जा रहा था. एक अधिकारी ने कहा बम समय से पहले ही फट गया था और पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था इसलिए इसका प्रभाव सीमित रहा. विस्फोट से कोई गड्ढा नहीं बना और न ही कोई छर्रे या प्रक्षेपास्त्र मिले. जांच पुलवामा के डॉ. उमर नबी पर केंद्रित है जो विस्फोट में इस्तेमाल कार चला रहा था. उसका संबंध इसी मॉड्यूल से था. विस्फोटक मुख्य रूप से फरीदाबाद से आए थे. बुधवार को अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट स्थल से फोरेंसिक टीम ने चालीस से ज्यादा नमूने जमा किए. इनमें एक जिंदा कारतूस सहित दो कारतूस और दो तरह के विस्फोटकों के नमूने हैं.