Budget Session : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आज पेश करेंगी 'श्वेत पत्र', संसद में आज फिर हंगामे के आसार

Budget Session : आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सदन पटल पर श्वेत पत्र पेश कर सकती हैं. बीते एक फरवरी को बजट पेश करते समय वित्त मंत्री ने सदन में श्वेत पत्र पेश करने का आह्वान किया था.

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Budget Session : आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अर्थव्यवस्था का श्वेत पत्र जारी कर सकती है. 'श्वेत पत्र' 2014 से पहले और उसके बाद देश की आर्थिक स्थिति की तुलना कर फर्क पेश करेगा. संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष और भाजपा नेता जयंत सिन्हा ने  श्वेत पत्र जारी करने को लेकर कहा कि यह उस दौरान देश की 'खराब आर्थिक स्थिति' का खुलासा करेगा, साथ ही बताएगा कि मोदी सरकार ने कैसे अर्थव्यवस्था में सुधार किया?

केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट सत्र के दौरान एक फरवरी को अपन भाषण में श्वेत पत्र पेश करने का आह्वान किया था. इस दौरान उन्होने कहा था कि 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तब भारत संकट की स्थिति में था. अर्थव्यवस्था को टिकाऊ स्थिति में लाने और विकास पथ के लिए उन वर्षों के संकट पर काबू पाया गया.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछली यूपीए सरकार को भारत की आर्थिक संकट का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि सरकार संसद में एक श्वेत पत्र पेश करेगी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कल कहा कि मौजूदा बजट सत्र को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया है, क्योंकि सरकार 'श्वेत पत्र' पेश करने की तैयारी कर रही है.

'श्वेत पत्र' क्या है ?

'श्वेत पत्र' किसी भी सरकार की नीतियों की एक सूचनात्मक रिपोर्ट है. जो सरकार की उपलब्धियों और मुद्दों के बारे में बताएगी. स्टैनफोर्ड लॉ स्कूल के अनुसार सरकारी कागजात वितरण के लिए रंग-कोडित होते हैं और सार्वजनिक पहुंच के लिए सफेद श्वेत को नामित किया जाता है. सरकारें आमतौर पर मुद्दों पर चर्चा करने, कार्रवाई का सुझाव देने या निष्कर्ष निकालने के लिए किसी विशेष विषय पर एक श्वेत पत्र लाती हैं.

श्वेत पत्र पत्र लाने की वजह

आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट सत्र के दौरान एक श्वेत पत्र जारी करेंगी. इस श्वेत पत्र में साल 2014 से पहले और अब की आर्थिक स्थिति को लेकर तुलना की जाएगी. जिसमें इस बात को स्पष्ट किया जाएगा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को संकट की स्थिति में छोड़ा गया. जिसे 2014 के बाद से मोदी सरकार ने बदला है. वहीं, बीजेपी नेता जयंत सिन्हा ने कहा कि श्वेत पत्र में, हम स्पष्ट करेंगे कि अर्थव्यवस्था की स्थिति (2014 से पहले) क्या थी? हम आर्थिक समस्याओं से कैसे निपटे? उन्होंने दावा किया कि भारत 2013 में पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में से एक था.