इंडिगो की उड़ानों में पिछले आठ दिनों से बड़े स्तर पर देरी और कैंसलेशन की स्थिति बनी हुई है. मंगलवार को केंद्र सरकार ने इस संकट के पीछे एयरलाइन की इंटरनल रोस्टरिंग में हुई गंभीर रुकावटों को मुख्य वजह बताया.
लोकसभा में इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए यूनियन एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने कहा कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और एयरलाइन को इस फेलियर के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. उन्होंने बताया कि इंडिगो की सीनियर लीडरशिप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और DGCA ने इस पर विस्तृत जांच शुरू कर दी है.
लोकसभा में बोलते हुए नायडू ने कहा कि यह बताना ज़रूरी है कि इंडिगो की ऑपरेशनल नाकामियों के कारण बनी रुकावटें अब तेजी से स्थिर हो रही हैं. DGCA ने सीनियर नेतृत्व को नोटिस जारी किया है और एनफोर्समेंट इन्वेस्टिगेशन की प्रक्रिया चल रही है. जांच पूरी होने पर नियमों के तहत सख्त और उचित कार्रवाई होगी. उन्होंने साफ कहा कि कोई भी एयरलाइन, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, प्लानिंग फेलियर या नियमों की अनदेखी करके यात्रियों को परेशान नहीं कर सकती.
DGCA के नोटिफिकेशन के मुताबिक, विंटर शेड्यूल 2025 में इंडिगो को हर सप्ताह 15,014 उड़ानों की अनुमति दी गई थी, जिससे नवंबर 2025 में कुल 64,346 उड़ानों की मंजूरी बनी. लेकिन इंडिगो के वास्तविक ऑपरेशनल डेटा से पता चला कि नवंबर 2025 में केवल 59,438 उड़ानें संचालित हुईं, जबकि 951 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.
DGCA ने माना कि एयरलाइन इन बढ़े हुए शेड्यूल को संभालने की क्षमता नहीं दिखा पाई. इसी कारण सभी सेक्टर्स में उड़ानों को 5% तक घटाने का आदेश दिया गया है, विशेष रूप से उन रूट्स पर जहां डिमांड अधिक है और फ्रीक्वेंसी ज्यादा रहती है. साथ ही इंडिगो को किसी रूट पर सिंगल-फ्लाइट ऑपरेशन न रखने की भी सलाह दी गई है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एयरलाइन की लापरवाही से यात्रियों को होने वाली असुविधा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जांच के बाद इंडिगो पर और कड़ी कार्रवाई संभव है. उम्मीद है कि शेड्यूल में सुधार और विमान उपलब्धता के साथ आने वाले दिनों में उड़ानें सामान्य होंगी और यात्रियों को राहत मिलेगी.