झोले के अंदर नवजात की लाश, आंखों में आंसू लेकर DM आवास पहुंचा पिता, छलका दर्द

लखीमपुर खीरी में एक हृदयविदारक घटना ने मानवता को झकझोर दिया. एक निजी अस्पताल की कथित लापरवाही के चलते एक नवजात की जान चली गई, जिसके बाद गुस्साए पिता अपने बच्चे के शव को झोले में लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे.

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Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी में एक हृदयविदारक घटना ने मानवता को झकझोर दिया. एक निजी अस्पताल की कथित लापरवाही के चलते एक नवजात की जान चली गई, जिसके बाद गुस्साए पिता अपने बच्चे के शव को झोले में लेकर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे.

आंसुओं से भरी आंखों और गुस्से से लबरेज आवाज में उन्होंने अस्पताल प्रशासन की क्रूरता और लापरवाही की कहानी सुनाई. इस घटना ने न केवल प्रशासन को हिलाकर रख दिया, बल्कि स्थानीय लोगों में भी आक्रोश पैदा कर दिया.

नवजात की मौत और अस्पताल की लापरवाही

यह दुखद घटना भीरा थाना क्षेत्र के नौसर गांव की है. गांव के निवासी विपिन गुप्ता की गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर गोलदार निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. विपिन ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में 8 हजार रुपये जमा किए, लेकिन पैसे कम होने का हवाला देकर अस्पताल ने उनकी पत्नी का इलाज करने से इनकार कर दिया.

आरोप है कि अस्पताल ने गर्भवती महिला को धक्के मारकर बाहर निकाल दिया और उसका प्रसव भी नहीं कराया. हालत बिगड़ने पर महिला को दूसरे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने मृत बच्चे को जन्म दिया. 

अस्पताल में अभद्र व्यवहार का आरोप

विपिन ने गोलदार अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी के साथ न केवल अभद्र व्यवहार किया गया, बल्कि अस्पताल की लापरवाही ने उनके नवजात की जान ले ली और उनकी पत्नी की जिंदगी को भी खतरे में डाल दिया.

गुस्से और दुख से भरे विपिन ने प्रशासन से अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उनकी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष गुप्ता, एसडीएम सदर अश्विनी कुमार और कोतवाल मौके पर पहुंचे. प्रशासन ने गोलदार अस्पताल को सील कर दिया और वहां भर्ती मरीजों को जिला महिला अस्पताल में सुरक्षित स्थानांतरित किया.

कार्रवाई की मांग

जिलाधिकारी (डीएम) ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रसूता के इलाज में कोई कमी न होने के निर्देश दिए. उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया और प्रसूता के इलाज का पूरा खर्च वहन करने की जिम्मेदारी ली. वर्तमान में महिला की स्थिति में सुधार हो रहा है. डीएम के इस कदम की स्थानीय लोगों ने सराहना की है.

सीएमओ ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और अभद्र व्यवहार के आरोपों की पड़ताल की जा रही है. स्थानीय लोग और पीड़ित परिवार निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

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